उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की एथिक्स कमेटी ने एक वरिष्ठ सर्जन की प्रैक्टिस पर चार महीने की रोक लगा दी है।
मृदुला सिंह नाम की एक महिला ने देहरादून के नामी डॉ विपुल कंडवाल के खिलाफ मेडिकल काउंसिल की एथिकल कमेटी के सामने गलत इलाज की शिकायत की थी। बता दें कि डॉ विपुल कंडवाल दून हॉस्पिटल के समीप एक प्राइवेट अस्पताल संचालित करते हैं। उक्त प्रकरण भी उसी अस्पताल में इलाज के दौरान का बताया जा रहा है। जिसपर एथिक्स कमेटी में सुनवाई हुई, जिसके बाद कमेटी ने डॉक्टर का लाइसेंस चार महीने के लिए निलंबित कर इलाज पर रोक लगा दी है। विदित है कि एथिक्स कमेटी राज्य में डॉक्टरों के खिलाफ मिलने वाली सभी शिकायतों की जांच करती है और सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय लेती है।
एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष डॉ अजय खन्ना की ओर से दिए गए फैसले के अनुसार डॉक्टर अगले चार महीने तक प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। चार माह की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें स्पेशलिस्ट के तौर पर दुबारा पंजीकरण कराना होगा।
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