MDDA की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अब देहरादून के रेस्टोरेंट्स व कैफ़े संचालक संगठित होने शुरू हो गए हैं !!
जहां एक तरफ पर प्रदेश भर में अवैध रिजॉर्ट पर बड़े पैमाने पर कार्यवाही की जा रही है वंही देहरादून में छोटे कैफ़े भी अब इस कार्यवाही की जद में आ गए हैं !!
25 से 30 छोटे – बड़े रेस्टोरेंट व कैफे पर MDDA का ताला लग जाने के बाद से संचालकों व कर्मचारियों में काफी रोष है !!
देहरादून के अधिकतर कैफे संचालकों ने बैठक बुलाकर MDDA की इस कार्यवाही का विरोध किया है !!
कैफे संचालकों का कहना है कि एक तोह राज्य सरकार उत्तराखंड के युवाओं को सरकारी नौकरी देने में नाकाम रही, और जब युवा खुद के स्वरोजगार के जरिये अपना घर परिवार पाल रहा है, तब सरकार उनके रेस्टोरेंट पर ताला जड़ रही है !!
वंही देहरादून दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से भी यह कैफे संचालक मिलें हैं, संचालकों ने बीएल संतोष को सौंपा प्रधानमंत्री के नाम लिखा पत्र व कर डाली MDDA के एक टॉप बॉस की शिकायत, मामला संज्ञान में आते ही बी एल संतोष ने भी आश्वासन दिया कि वह उनकी हर संभव मदद करेंगे !!
इतनी बड़ी संख्या में हुई कार्यवाही के बाद से कैफे और रेस्टोरेंट में कार्यरत कर्मचारी व परिवार जन मायूस है, इन कर्मचारियों का कहना है कि दीपावली त्योहार से ठीक पहले वह सभी बेरोजगार हो हए हैं व इस स्थिति में अब कैसे उनका परिवार दीपावली मना पाएगा !!
सूत्र बताते हैं कि MDDA ने यह कार्यवाही ओल्ड मसूरी रोड पर रह रही एक बड़ी अधिकारी के शिकायत पर की है और इसी बात को मुद्दा बनाकर मुख्यमंत्री से मिलने जा सकते हैं यह कैफे संचालक !!
इस कार्रवाई के बाद से सियासी गलियारों में भी चर्चा काफी तेज है, कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा धसौनी ट्विटर पर लिखती है कि –
ट्वीटर व इंस्टाग्राम में भी ट्रेंडिंग हुआ है यह मामला –
कार्रवाई के बाद से ही देहरादून वासियों व फ़ूड वलॉगर्स ने मानो ट्विटर व इंस्टाग्राम में MDDA के खिलाफ जंग छेड़ दी है, कल रात से ही हैशटैग #मायूस_उत्तराखंड ट्रेंड करने लग गया है
इस घटनाक्रम के बारे में MDDA के अधिकारियों से पूछे जाने पर एक अधिकारी ने कहा है कि यह कार्यवाही पार्किंग न होने के कारण की गई है !!
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