उत्तराखंड के कई ऐसे बड़े अधिकारी हैं, जो इसी साल सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। ऐसे में सरकार को अगले कुछ माह में कुछ की सेवानिवृत्त से नुकसान तो कुछ की सेवानिवृत्त से खासा लाभ भी होगा।
उत्तराखंड में तमाम बड़ी चुनौतियों के बीच कई ऐसे बड़े अधिकारी हैं, जो इसी साल सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार के सामने चारधाम यात्रा से लेकर फॉरेस्ट फायर और आर्थिक हालात सुधारने तक की कई मुश्किलें हैं। इतना ही नहीं युवाओं के सड़क पर उतरने के बाद रोजगार जैसे मुद्दे भी सरकार की परीक्षा ले रहे हैं। लिहाज, राज्य में ब्यूरोक्रेट्स के चीफ समेत कई अफसरों का रिटायर होना सरकार को चिंता में डालने वाला है।
धामी सरकार के लिए अगले कुछ महीने खासे चुनौतीपूर्ण होने जा रहे हैं। यह चुनौती कई अफसरों की सेवानिवृत्ति के बाद उनके विकल्प का चुनाव करने को लेकर है। इसके अलावा केंद्र के साथ राज्य की योजनाओं को दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ाने की भी चुनौती है। खासतौर पर तब जब राज्य ऐसी कई चुनौतियों से पहले ही घिरा हुआ हो, जो सरकार के लिए किसी बड़ी परीक्षा से कम नहीं है।
दरअसल, उत्तराखंड में यूं तो इस साल कई अफसर सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे अफसर भी है। जो विभिन्न ऐसे पदों पर विराजमान हैं। जो राज्य में एडमिनिस्ट्रेशन के लिहाज से सबसे अहम हैं। जिन को लेकर इन दिनों प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चाएं हैं।
- उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू – जो 31 जुलाई को रिटायर होने जा रहे हैं।
- वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार भी इसी महीने यानी 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
- उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार इसी साल नवंबर में रिटायर होने वाले हैं।
- देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर भी इसी साल नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे।
- वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी और वन विभाग के मुखिया विनोद सिंघल का रिटायरमेंट भी इसी साल 30 अप्रैल को होने जा रहा है।
- इसी तरह जैव विविधता बोर्ड में प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी भी 30 अप्रैल को रिटायर हो जाएंगे।
- वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी और प्रमुख वन संरक्षक पंचायत ज्योत्सना सितलिंग भी इसी महीने मार्च में सेवानिवृत्त हो जाएंगी।
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