जैकेट में छुपी डोरी, नही हो पा रही SI व Ad.SI के बीच पहचान, वंही DGP ने कही यह बड़ी बात !!

उत्तराखंड पुलिस विभाग में जहाँ हर एक पद / रैंक के लिए एक अलग वर्दी व एक अलग पहचान थी वंही महकमे में एडिशनल सब इंस्पेक्टर (Ad.SI) रैंक का नया पद सृजित हो जाने से फोर्स में मानो एक असमंजस पैदा हो गया है।

असमंजस भी ऐसा की आमजन में कंफ्यूजन तो फोर्स के कुछ लोगों में असंतोष। वो ऐसे की कुछ माह पूर्व पुलिस महकमें में, शासन की अनुमति से एक नया रैंक एडिशनल सब इंस्पेक्टर के 1750 पद सृजित कर दिए जाते हैं। इस नए रैंक का सृजन इस लिए किया जाता है कि ताकि सालों से प्रोमोशन की राह देख रहे HC व कांस्टेबलों की पदोन्नति जल्द हो जाए।

बता दें कि पुलिस विभाग जहां एक तरफ एक बड़ी परेशानी से पिंड छुटाने में कामयाब तो जरूर हो गया लेकिन दूसरी ओर एक और समस्या अपने लिए ही खड़ी कर गया। नए सृजित हुए Ad. SI की वर्दी SI यानी दरोगाओं के भांति ही कर दी गयी, लाल जूता, लाल बेल्ट व कंधे 2 सितारा बस फर्क इतना कि कंधे पर लेअन-याड / सिटी डोरी का रंग बदल दिया गया। रंग भी ऐसा बदला गया कि जो मिलता जुलता हो SI का नीला तो Ad. SI का काला कर दिया गया।

जो डोरी SI व Ad. SI के बीच फर्क करती थी वह भी अब सर्दियों में जैकेट के नीचे छुप गयी है, जिससे इन दिनों सभी SI व Ad.SI एक जैसे दिखने लगे हैं। हूबहू एक जैसी वर्दी में दो अलग अलग रैंक के पुलिस कर्मियों में आमजन तो छोड़िए विभाग के ही धुरंधर भी फर्क नही कर पा रहे हैं।

वंही अब इस प्रकरण पर DOON MIRROR से खास बातचीत में नवनियुक्त DGP अभिनव कुमार ने इस प्रकरण पर कहा कि महकमे में DGP रैंक व ADG रैंक की वर्दी भी हूबहू समान होती है यहां तक कि डोरी के रंग का भी फर्क नही होता है। आतिथि इस विषय पर किसी भी DGP व ADG को किसी प्रकार की तकलीफ व कष्ट नही हुआ है, इसी प्रकार SI व Ad.SI को भी ऐसे विषयों में उलझकर अपना समय व्यर्थ नही करना चाहिए। DGP अभिनव ने यह भी कहा कि प्रकरण की गंभीरता देखते हुए वह जल्द ही अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के संग वार्ता कर, हल निकालने का प्रयास करेंगे।

विभाग कर सकता है वर्दी में यह बदलाव

पुलिस महकमे के एक दो वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो दबी जुबान में उन्होंने वर्दी में एक छोटा सा बलवाव करने की पैरवी की है। उनके अनुसार गजेटेड अफसर से नीचे के सभी रैंकों के पुलिसकर्मियों के लिए नेम प्लेट में नाम से पूर्व उनका रैंक का जिक्र होना चाहिए, जिससे आम व्यक्ति एक SI व Ad.SI में आसानी से फर्क कर पाए और फोर्स में समान वर्दी को लेकर किसी भी तरह का असंतोष भी न रहे।