उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री जल्द ही नए हेलीकॉप्टर में उड़ान भरते नजर आएंगे। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने राज्य के इकलौते विमान का निपटान करने और एक नया हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया है।
पुराना नीला उड़न खटोला अपने लैंडिंग प्रतिबंधों और महंगे रखरखाव के कारण राज्य के खजाने पर बोझ बन गया है।सरकार इसके रखरखाव पर सालाना 3.5 करोड़ रुपये खर्च करती है। इसके मेंटेनेंस में पायलट की सैलरी, ओवरहॉलिंग और दूसरे खर्चे शामिल हैं।
बता दें कि सरकार ने नए हेलीकॉप्टर के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अत्याधुनिक और बेहद सुरक्षित होने के साथ साथ हाई एल्टीट्यूड तक आसानी से उड़ सकेगा नया डबल इंजन हेलीकॉप्टर !!
कई माननीयों को उड़ा चुका है पुराना हेली
उत्तराखंड की स्थापना के 23 साल पूरे हो चुके हैं। इन 23 सालों के दौरान तमाम सरकारों ने सरकारी हेलीकॉप्टर का जमकर प्रयोग किया है। नीले रंग का यह राजकीय हेलीकॉप्टर प्रदेश के पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों तक भी माननीय को सैर करवा कर लाया है। वैसे अधिकतर समय यह हेलीकॉप्टर राज्य के मुख्यमंत्री के पास ही रहा है सबसे ज्यादा उपयोग इसका मुख्यमंत्री के द्वारा ही किया गया।
इस लिए बदला जा रहा हेली
उत्तराखंड का राजकीय हेलीकॉप्टर वैसे तो प्रदेश के आसमान में अक्सर घूमता हुआ आपको दिख जाएगा, लेकिन मुश्किल यह है कि हेलीकॉप्टर के पार्ट समय-समय पर खराब हो रहे हैं। चिंता की बात यह है कि हेलीकॉप्टर के बेहद पुराना होने के कारण कई पार्ट तो विदेश में भी उपलब्ध नहीं है। दरअसल जिस कंपनी ने इस हेलीकॉप्टर को बनाया था वह भी इसके पार्ट बनाना बंद कर चुकी है। पिछली बार हेलीकॉप्टर का ए.सी खराब हुआ तो इसे बदलवाने में 1 साल लग गए।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि कुछ पार्ट खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर कभी-कभी वार्निंग लाइट भी दिखा देता है, जिस कारण इसको बार-बार मेंटेनेंस हेतु भेजा जाता है।
बता दें कि 18 साल पुराने इस हेलीकॉप्टर के पार्ट खराब होने पर बार-बार इसकी उड़ानें रोकनी पड़ती हैं। जिस दौरान माननीयों के राज्य भ्रमण के लिए निजी हेलीकॉप्टर हायर किए जाते हैं। वंही डबल इंजन हेलीकॉप्टर को हायर करने के दौरान राज्य को काफी वित्तीय बोझ झेलना पड़ता है। नए टेंडर के अनुसार इस बार सरकार 5 नहीं बल्कि 7 सीटर डबल इंजन हेलीकॉप्टर खरीदना चाहती है।
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