इन विधायकों की खुल सकती है किस्मत, सर पर सज सकता है ताज

उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार बड़ा बहुमत हासिल करने के बाद भी भाजपा को एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलना पड़ेगा। निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा नेतृत्व नए चेहरे को लेकर मंथन कर रहा है। गुरुवार रात पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की है। पार्टी ने संकेत दिए हैं कि नया मुख्यमंत्री विधायकों में से ही चुना जाएगा।

युवा नेता को सामने लाने की कोशिश

सूत्रों के अनुसार पार्टी जिन दो महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार कर रही है, उनमें एक गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र और दूसरा राजपूत और ब्राह्मण समुदाय शामिल है। गौरतलब है कि पिछली बार भाजपा ने अपने तीनों मुख्यमंत्री राजपूत समुदाय से ही दिए थे।

फिलहाल जिन नामों की चर्चा है उनमें सतपाल महाराज, धन सिंह रावत के अलावा केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल हैं।

हालांकि पार्टी नया चौंकाने वाला नाम सामने ला सकती है, जैसा कि अक्सर होता रहा है। पार्टी में एक बड़ी सोच नए और युवा नेताओं को सामने लाने की है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी क्षेत्रीय व सामाजिक समीकरणों को साधते हुए 50 साल से कम उम्र के नेताओं पर दांव लगा सकती है।

चुनाव हारने के बाद धामी को ही फिर से मुख्यमंत्री बनाने की संभावना बेहद कम है। हालांकि दो विधायकों ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है, लेकिन पार्टी इसे लेकर गंभीर नहीं दिख रही है।