जहां एक तरफ प्रदेश में RTO चालान के डर से व जागरूक करके नए व पुराने वाहनों पर HSRP हाई सिक्योरिटी रेजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाने का पाठ पढ़ा रहा है वंही दूसरी ओर डीलरों द्वारा लगाई जा रही बेकार क्वालिटी की नम्बर प्लेट पर मानो RTO ने आंखे बंद कर रखी है।
मामला एक दो वाहनों का नही बल्कि प्रदेश में दौड़ रही हज़ारों वाहनों से संबंधित है। बता दें कि देहरादून सहित प्रदेश के तमाम जनपदों से यह बात सामने आई है कि HSRP नम्बर प्लेटों के अक्षरों के रंग बारिश के पानी व वाहन धोते वक्त ही निकल जा रहे है। जिससे वाहनों का नम्बर पढ़ने में पुलिस सहित तमाम इंफोर्समेंट एजेंसियों को दिक्कत आ रही है।
मामला सिर्फ रंग उतरने का नही है बल्कि प्लेटों पर कुछ इस प्रकार की भी खामियां मिली है, जिसमे प्लेटों पर धंसाव से कुछ और नम्बर उभारा गया है और प्रिंट कुछ और नम्बर किया गया है ऐसी कई खामियों फायदा उठाकर न जाने कितने अपराधियों ने अपने मकसद पूरे किए होंगे।
DOON MIRROR की पड़ताल में यह बात सामने आई कि ट्रांसपोर्ट विभाग में एडमिन से लेकर इंफोर्समेंट तक किसी भी डिपार्टमेंट को इन नम्बर प्लेटों के क्वालिटी चेक की जिम्मेदारी नही दी गयी है। जिस कारण सभी ने इस मामले में आंखें बन्द कर रखी है।
वंही केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गए गजट के अनुसार “सुरक्षा रजिस्ट्रीकरण प्लेट की अवधि अविनश्वर प्रकृति के लिए प्रत्याभूति दी गई होगी और इस अवधि से पूर्व प्लेट या रजिस्ट्रीकरण चिह्न के क्षतिग्रस्त होने या प्राकृतिक रूप से नष्ट होने के मामले में मोटर वाहन विनिर्माता या उनके डीलर द्वारा या अन्य मामलों में लाइसेंस प्लेट विनिर्माता या आपूर्तिकर्ता या उनके डीलरों जैसा भी मामला हो, द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।”
बता दें कि दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों में ऐसी नम्बर प्लेटों पर होता है 1000 से 5000 तक का चालान !!
जब DOON MIRROR ने ट्रांसपोर्ट महकमे से जुड़े कुछ अधिकारियों से इस विषय पर वार्ता की तो सभी ने जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ दिया।
बता दें HSRP प्लेट से नम्बर मिटने के बाद अब वाहन स्वामियों ने प्लेट के ऊपर कब कुछ इस प्रकार से प्रिंटेड स्टीकर पेपर चिपकाने शुरू कर दिए हैं।
अब देखना होगा कि खबर प्रकाशित होने के बाद परिवहन विभाग इन डीलरों पर कार्यवाई करेगा भी या फिर यह ढर्रा ऐसे ही चलता रहेगा।
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