केंद्रीय पोर्टल की खामी का फायदा उठाकर कईओं ने ऐंठली स्कॉलरशिप, समाज कल्याण विभाग की तरह एक और छात्रवृत्ति घोटाला आया सामने, केंद्र सरकार ने बैठाई जांच !!

उत्तराखंड के बहुचर्चित घोटाला – समाज कल्याण छात्रवृत्ति कांड के बाद अब प्रदेश में एक और छात्रवृत्ति घोटाले की भनक केंद्र सरकार को लगी है। जिस क्रम में अब केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के पत्र के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी प्रकरण पर जांच बैठा दी है।

बता दें कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार सहित अन्य प्रदेशों को पत्र लिख बताया है कि उनके राज्य में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान (मदरसे एवं निजी संस्थान सहित) पर गलत तथ्यों एवं दस्तावेजों के आधार पर छात्रों के नाम से प्रतिवर्ष गलत छात्रवृत्ति लेने की आशंका है।

जानकारी के अनुसार NSP राष्ट्रीय स्कॉलरशिप पोर्टल की खामी का फायदा उठाकर उत्तराखंड के कुल 17 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों ने कई सौ छात्रों के आवेदन उक्त पोर्टल पर कर दिए। केंद्रीय पोर्टल पर कोई भी दस्तावेजों की अनिवार्यता न होने के कारण स्कॉलरशिप के लिए कईयों के आवेदन करवा दिए गए। आवेदन के उपरांत संस्थानों द्वारा नियुक्त नोडल को कुल प्राप्त आवेदनों का सिर्फ 2 प्रतिशत यादृच्छिक सत्यापन (Random verification) करना था।

आरोप व आशंका है कि सत्यापन के दौरान उन्ही 2 प्रतिशत आवेदनों का सत्यापन किया गया जो सही थे। जिसके एवज में गलत आवेदनों को भी स्वीकार कर लिया गया व केंद्रीय मंत्रालय को ठीक (OK) रिपोर्ट भेज दी गयी। जिस क्रम में केंद्र द्वारा इन 17 संस्थानों को वर्ष 2020-21 व 2021- 22 में कुल 90 लाख रुपये का अनुदान स्कॉलरशिप के रूप में दिया गया है। जिसमे से प्रत्येक छात्र को विभिन्न श्रेणियों के अनुसार 5 से 30 हज़ार रुपये प्रतिवर्ष मिलने थे।

अल्पसंख्यक मंत्रालय से आई चिठी के बाद से अब उत्तराखंड अल्पसंख्यक विभाग ने भी प्रकरण की जांच बैठा दी है।विभाग द्वारा क्षेत्रवार संबंधित DM एवं SDM को पत्र लिख इन छात्रवृत्तियों का 100 प्रतिशत सत्यापन करवाने एवं दोषियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। सूत्र यह भी बताते हैं कि इन 17 संस्थानों में देहरादून स्तिथ 2 नामी स्कूल भी शामिल है जिनपर जांच गतिमान है।

उक्त प्रकरण में से कुछ प्रकरण ऐसे भी हैं जिसमे बाहर के छात्र उत्तराखंड में पढ़ रहे हैं जिनका सत्यापन उनके मूल राज्य ने करना था, लेकिन आतिथि तक उक्त सत्यापन भी नहीं हो पाएं है।

DOON MIRROR से खास बातचीत में विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पराग मधुकर धकाते ने बताया कि ज़िलाधिकारियों से ग्राउंड रिपोर्ट माँगी जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।