उत्तराखंड के सीनियर IFS अधिकारी सुशांत पटनायक पर महिला कर्मी से छेड़छाड़ को लेकर नया अपडेट सामने आया है। इस मामले में जिले की विशाखा कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस और दोनों पक्षों को सुने जाने के बाद जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। शासन को रिपोर्ट मिलने के बाद अब मामले में आगे की कार्रवाई के लिए तैयारी की जा रही है।
दरअसल, उत्तराखंड में इसी साल महिला कर्मी से सीनियर IFS अधिकारी सुशांत पटनायक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद इस मामले की जिला स्तरीय विशाखा कमेटी ने जांच की थी। विशाखा कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है और रिपोर्ट शासन को भी भेज दी है।
इसी साल फरवरी महीने में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव रहे सीनियर IFS अधिकारी सुशांत पटनायक पर अपने अधीनस्थ महिला कर्मी से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे। बड़ी बात यह है कि सीनियर आईएफएस अधिकारी पर लगे इन आरोपों के बाद महिला कर्मी द्वारा पुलिस में भी शिकायत की गई थी, जिसके बाद इस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
उधर कार्यस्थल पर छेड़खानी को लेकर मामले की जांच विशाखा कमेटी को भी दी गई। जिलाधिकारी सोनिका ने इस जांच को सीडीओ देहरादून झरना कामठान को सौंपा। इसके बाद मामले को लेकर महिला कर्मी और आईएफएस अधिकारी का पक्ष भी जाना गया। प्रकरण पर जांच पूरी होने के बाद उसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इसे न्याय विभाग को भी भेजा गया, जिसमें न्याय विभाग ने भी विभागीय स्तर पर कार्रवाई के लिए लिखा है।
हालांकि, प्रकरण में स्पष्ट टिप्पणी नहीं होने के बाद मामले की एक बार फिर वृहद जांच या फिर सक्षम विभाग से राय मांगी जा सकती है। वहीं पुलिस भी अपनी जांच में इन तथ्यों को शामिल कर सकती है।
बता दें कि, सीनियर आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक पहली बार सुर्खियों में नहीं आए हैं। इससे पहले ईडी की टीम ने सुशांत पटनायक के घर पर छापेमारी की थी। दरअसल, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ काटे जाने के मामले को लेकर जहां एक तरफ ईडी की टीम ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के घर पर छापेमारी की थी तो वहीं आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक के घर पर भी वित्तीय लेनदेन को लेकर जांच हुई थी। बड़ी बात यह है कि इस दौरान सुशांत पटनायक के घर ईडी की टीम ने नोट गिनने की दो मशीनें भी मंगवाई थी। हालांकि, ईडी की तरफ से अब तक उनकी भूमिका को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
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