उत्तराखंड में डिजिटल फॉरेंसिक लेबोरेटरी की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने इस परियोजना के लिए बजट स्वीकृत कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस लैब की स्थापना का उद्देश्य जीएसटी के अंतर्गत डेटा माइनिंग, रिफाइनिंग, रिट्रीविंग, एनालिसिस, फोरकास्टिंग व विभिन्न कानूनी प्रकरणों की जांच जैसे कार्यों को आधुनिक तकनीक से अंजाम देना होगा। इसके तहत टैक्स कानूनों व जमीन रजिस्ट्री नियमावली के अनुरूप सूचनाओं एवं साक्ष्यों का संग्रह, विश्लेषण और जांच कार्य किया जाएगा।
डिजिटल फॉरेंसिक लैब की स्थापना सिंगल सोर्स के तहत नेशनल फॉरेंसिक्स साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर के माध्यम से किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 12 करोड़ की धन राशि खर्च की जाएगी।
इस कदम से राज्य में कर चोरी रोकने, जांच प्रक्रिया को तेज और सटीक बनाने तथा आधुनिक तकनीक के जरिए वित्तीय अपराधों पर नकेल कसने में बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है।

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