DSP पद पर प्रोमोशन प्रकरण में PHQ ने निकाला रास्ता, शासन को भेजा यह प्रस्ताव !!

काफी लंबे समय से लंबित DSP पद पर प्रोमोशन प्रकरण में PHQ ने अब एक नया रास्ता निकाला है। नागरिक / अभिसूचना व पीएसी में अंदरूनी खींचतान का हल निकालते हुए पदोन्नति में कोटा अमल में लाने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

प्रस्तावित कोटे के अनुसार नागरिक पुलिस को रिक्त पदोन्नति पदों में 55% , अभिसूचना को 17 % व पीएसी को 28 % हिस्सेदारी देने की बात कही गयी है। इस हिसाब से गणना की जाए तो मौजूदा समय में करीब 28 पदोन्नति के पद रिक्त हैं। आगामी दिनों में अगर इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगती है तो विभाग को 15 नागरिक पुलिस से, 4 से 5 अभिसूचना से व 7 से 8 पीएसी से डिप्टी एसपी मिलेंगे।

बता दें कि उक्त प्रस्ताव काफी समय से शासन में अटका पड़ा है। मौजूदा समय में गृह विभाग ने कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को सहमति हेतु प्रस्ताव भेजा था लेकिन आतिथि प्रस्ताव कार्मिक विभाग के पास लंबित है।

अंतिम वरिष्ठता सूची पर भी विवाद

महकमे में आज कल अंतिम वरिष्ठता सूची को लेकर भी रस्सा कसी चल रही है, उत्तरप्रदेश के दौर से चली आ रही व्यवस्था को विभाग ने पहली बार बदल दिया है। पूर्व में वरिष्ठता इंस्पेक्टर पद पर प्रोमोशन की तिथि पर आधारित होती थी लेकिन नए नियम के अनुसार PTC की मेरिट को वरिष्ठता का आधार माना गया। जिस कारण जो कर्मचारी हाल ही में इंस्पेक्टर पदोन्नत हुए हैं, PTC में टॉप मेरिट में होने के कारण 2 से 3 साल की इंस्पेक्टर पद की सेवा में ही DSP पद पर पदोन्नत हो जाएंगे। इस विसंगति को देखते हुए अंतिम वरिष्ठता सूची जारी होने के पश्चात अधिकतर कर्मियों ने कोर्ट व ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है।

प्रोमोशन में और समय लगना तय

जिस तरह की चर्चाएं महकमे में अंदरूनी तौर चल रही है उस हिसाब से DSP पद पर प्रोमोशन में लंबा समय लगना तय है। अगर प्रकरण हाइकोर्ट कोर्ट या ट्रिब्यूनल तक पंहुचता है तो सभी के प्रोमोशन लम्बे समय के लिए लटकना तय है।