ठेकेदार से एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) रमेश चंद्र त्रिपाठी की बहाली निरस्त करते हुए फिर निलंबित कर दिया गया है। उक्त प्रकरण पर अब DOON MIRROR की खबर का असर हुआ है। बता दें कि DOON MIRROR ने खबर प्रसारित कर बताया था कि कैसे तत्कालीन सचिव IAS हरिचंद सेमवाल अपने स्तर से ही मुख्यमंत्री व राज्यपाल स्तर के भी निर्णयों पर अपना अनुमोदन देकर ही आदेश जारी कर देते हैं।
आरोप था कि डीपीआरओ ने ठेकेदार से उपकरणों की सप्लाई और कार्यों के भुगतान के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत ली थी। 24 अगस्त 2023 को गिरफ्तारी के बाद 30 अगस्त को निलंबन के आदेश जारी हो गए थे। इधर न्यायालय में वाद चलता रहा और उधर मई 2024 में नियमों की अनदेखी करते हुए त्रिपाठी को बहाल कर दिया गया। जबकि ऐसे मामलों में पहले प्रकरण समिति के पास जाता है। इस समिति की संस्तुति के बाद ही निलंबन बहाली या जारी रखने का फैसला लिया जाता है। समिति में विभागीय सचिव, विभागध्यक्ष के साथ सचिव सतर्कता विभाग आदि होते हैं। जबकि त्रिपाठी की बहाली में इस प्रक्रिया को दरकिनार किया गया। विजिलेंस के सवाल उठाने के बाद मौजूदा सचिव पंचायती राज चंद्रेश यादव ने एक बार फिर से त्रिपाठी के निलंबन के आदेश जारी कर दिए। इस दौरान त्रिपाठी निदेशालय पंचायतीराज से संबंद्ध रहेंगे।
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