होली पर आम जनता तक शुद्ध और सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ दिया है। खासतौर पर दूध, मावा, पनीर और खोया जैसे उत्पादों की जांच की जा रही है। देहरादून, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जैसे संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। देहरादून के आशारोड़ी बॉर्डर पर बाहर से आने वाले दूध और उसके उत्पादों की सख्त जांच की जा रही है।
सचिव स्वास्थ्य एवं खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार की ओर से इस संदर्भ में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य संरक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में 15 मार्च तक सघन चैकिंग अभियान चलाकर खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग की जाए। होली के बाद सैंपलिंग रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि कोई कारोबारी बार बार मिलावट खोरी में तो नहीं पकड़ा जा रहा। उन्होंने कहा कि यदि राज्य में ऐसा करते हुए कोई कारोबारी पकड़ा जाता है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विदित है कि राज्य में मिलावट खोरी में पकड़े जाने पर छह साल की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना तय है।
उत्तराखंड के बॉर्डर पर सघन चेकिंग के निर्देश
सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जैसे संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। देहरादून के आशारोड़ी बॉर्डर पर बाहर से आने वाले दूध और उसके उत्पादों की सख्त जांच की जाएगी। बाहर से आने वाले दूध, मावा, पनीर और खोया पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलों की तीन श्रेणियां बनाईं
होली के त्योहार को देखते हुए प्रदेश को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिलों को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। जबकि चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। मिलावट खोरी रोकने के लिए संयुक्त टीमें बनाई हैं। ये टीमें जिलों के नोडल अधिकारियों के साथ मिलकर छापेमारी करेगी।

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