पुलिस विभाग अपने अनोखे नए नियमों व एक्सपेरिमेंट के कारण महकमा के अंदर व बाहर आम जनता के बीच भी चर्चाओं में है। कुछ बदलावों ने जहां महकमे को नई पहचान भी दी है तो वहीं कुछ एक्सपेरिमेंट महकमे के लिए गले की फांस भी बन गए हैं।
नए मुखिया के आने के बाद से पुलिस महकमे में नई ऊर्जा तो आयी है लेकिन प्रभारी डीजीपी अभिनव कुमार के सख्त रवैये के कारण अब निचले अधिकारी भी उनके समक्ष कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पुलिस मुख्यालय में इन दिनों माहौल यह है कि आम जनमानस तो छोड़िए कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी अब पुलिस मुख्यालय जाने से बचते दिख रहे हैं।
बात करें हाल ही में हुए एक एक्सपेरिमेंट की तो पुलिस मुख्यालय ने जनपदों में नियतन से ज्यादा CO व Ad.SP की तैनाती पर ऐतराज जताते हुए अतिरिक्त तैनात पुलिस अधिकारियों को रिज़र्व पुलिस को रास्ता दिखा दिया।
अब इस एक्सपेरिमेंट के एक माह के भीतर ही महकमे को आगामी चुनाव के दृष्टिगत कुछ जनपदों में ड्यूटी के लिहाज से पुलिस अधिकारियों की कमी महसूस होने लगी है। इस कमी को पूरी करने के लिए महकमा अब कुछ जनपदों में चुनाव सम्पन्न होने तक रिजर्व व साइड पोस्टिंग पर तैनात CO / DySP को अटैच करने का मन बना रहा है। जिससे प्रदेश में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके हो सकें।
पुलिस उपाधीक्षक के पद बढ़ाने की तैयारी –
कुछ जनपदों सहित कुछ इकाईयों में DySP के कम नियतन को देखते हुए पुलिस महकमा इन दिनों पुलिस उपाधीक्षकों के पद बढ़ाने पर भी होमवर्क कर रहा है। डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि ADG एडमिन अमित सिन्हा के नेतृत्व में एक कमिटी इस पहलू पर रिपोर्ट तैयार कर रही है। प्रदेश के सभी थानों व कोतवाली को 4 श्रेणी में बांटा गया है। इन थानों व कोतवाली में वर्क लोड के आधार पर एक रिपोर्ट बनाई जा रही है जिसके आधार पर जनपदों में CO / DySP का नियतन बढ़ाया जाएगा ।
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