प्रदेश में वर्ष 2017 में सामने आए एनएच-74 चौड़ीकरण मुआवजा प्रकरण में आरोपित पीसीएस अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी है। जांच में आरोपित पाए गए चार में से तीन पीसीएस अधिकारियों ने शासन को अपना जबाब भेज दिया है।
सूत्रों की मानें तो इनमें से दो पीसीएस अधिकारियों ने अपने जवाब में कहा है कि उन पर लगाए गए आरोपों की प्रकृति इस मामले में दोषमुक्त किए गए आईएएस अधिकारियों के समान ही है। इसे देखते हुए ही उनके संबंध में भी निर्णय लिया जाए।
तत्कालीन सरकार ने आयुक्त कुमाऊं के प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर मार्च 2017 में आठ पीसीएस अधिकारियों को दोषी माना था। इनमें से सात पीसीएस अधिकारियों तीरथ पाल सिंह, अनिल शुक्ला, डीपी सिंह, नंदन सिंह नगन्याल, भगत सिंह फोनिया, सुरेंद्र सिंह जंगपांगी और जगदीश लाल को निलंबित कर दिया गया था। एक सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी के खिलाफ भी जाँच की संस्तुति को गई थी।
कुछ समय पहले इनमें से छह पीसीएस अधिकारियों की जांच रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है, जिनमें से चार को दोषी पाया गया है।
एक आरोपित तीर्थ पाल सिंह की जांच रिपोर्ट अभी शासन को नहीं मिल पाई है। सूत्रों की मानें तो इनमें से डीपी सिंह, नंदन सिंह नगन्याल व अनिल शुक्ला ने अपना जवाब शासन को सौंप दिया है। अभी भगत सिंह फोनिया के जवाब का इंतजार है। शासन ने फोनिया से शीघ्र जबाब देने को कहा है। ऐसा न होने पर जांच रिपोर्ट को ही सही मानते हुए कार्रवाई की बात कही गई है। सूत्रों की मानें तो अब शासन इस प्रकरण को अधिक न खींचते हुए जल्द निर्णय लेने के पक्ष में है।
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