चुनाव संपन्न होते ही अब देहरादून शहर नई परीक्षा के लिए तैयार हो रहा है। यह परीक्षा है ‘स्वच्छता सर्वेक्षण-2022‘ की। इसकी पड़ताल के लिए केंद्रीय टीम दून में कभी भी पहुंच सकती है।
ऐसे में बिना देर किए चुनाव के अगले दिन से ही महापौर सुनील उनियाल गामा नगर निगम पहुंच कर मोर्चा संभाल लिया है। वंही महापौर ने शहर के समस्त 100 वार्ड में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने हेतु सख्त आदेश दिए हैं।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021-22 में देहरादून को टॉप 50 में रैंक दिलाने में क्षेत्र के लोगों की अहम भूमिका होगी। यह लक्ष्य जनता के सहयोग से ही प्राप्त हो पाएगा।
– सुनील उनियाल गामा
बता दें कि पिछले वर्ष देहरादून नगर निगम की देशभर में 82वीं रैंक आई थी, इससे पूर्व आज तक उत्तराखंड का कोई भी निकाय टॉप सौ शहरों में शामिल नही हुआ था !!
फरवरी से देश के स्वच्छ शहरों के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 भी शुरू हो चुका है। इसके लिए निगम ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। महापौर गामा के अनुसार, अगले एक माह तक तक वृहद पैमाने पर अभियान चलाकर शहर को पूरी तरह स्वच्छ बनाने का प्रयास किया जाएगा। समस्त 100 वार्ड में अभियान चलेगा और बाकायदा नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। प्रतिबंधित प्लास्टिक और पालीथिन के विरुद्ध भी अभियान चलाते हुए कार्रवाई की जा रही है। सड़क किनारे रखे कूड़ेदानों से वक्त पर कूड़ा उठे, यह सुनिश्चित किया जा रहा। डोर-टू-डोर कूड़े का उठान करने वाले वाहनों का समय भी दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया।
स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों के बीच शहर में गंदगी फैलाने वालों के विरुद्ध चल रही कार्रवाई में नगर निगम ने गत एक माह में 900 व्यक्तियों का चालान किया। इसके साथ ही 1.30 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला गया। महापौर ने बताया कि निगम की टीम गत 17 जनवरी से सभी वार्ड में अभियान चला रही है। सड़क पर गंदगी करने वाले होटल व रेस्तरां मालिकों के विरुद्ध कार्रवाई हो रही है।
सबसे साफ सुथरे वार्ड को मिलेंगे 25 लाख
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021-22 में सबसे बेहतर सफाई व्यवस्था वाले वार्डों को नगर निगम की ओर से विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट मिलेगा। पहला स्थान प्राप्त करने वाले वार्ड को 25 लाख, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले वार्ड को 15 लाख, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले वार्ड को 10 लाख रुपये का अतिरिक्त बजट दिया जाएगा।
7500 अंकों से होगा सफाई का आकलन
स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के तहत शहर की सफाई की परीक्षा इस बार 7500 अंक की होगी, जबकि पिछले सर्वेक्षण में यह 6000 अंक की थी। शहरों की सफाई के आकलन करने के लिए कई नए मापदंड जोड़े गए हैं। जनता से फेस-टू-फेस फीडबैक को केंद्रीय टीम अब दून आएगी। डिजिटल रूप से आकलन पहले ही शुरू हो चुका है। इस बार सर्वेक्षण में सीनियर सिटीजन और युवाओं से अधिक फीडबैक लिया जाएगा। कोरोना वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ही धार्मिक व सामाजिक आयोजन से निकल रहे कूड़े के निस्तारण की क्या व्यवस्था है, इसके भी अंक तय किए गए हैं।
सर्विस लेवल प्रोग्रेस के इस बार 3000 अंक
पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण में सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 2000 अंक निर्धारित किए थे। इस मर्तबा 3000 किया गया है। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में प्लास्टिक व पालीथिन पर प्रतिबंध, गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाने की व्यवस्था, कूड़े का निस्तारण और सीवरेज की सफाई आदि शामिल है। इसमें इस बार सफाई मित्र सुरक्षा को भी जोड़ा है, यानी शहर में सफाई का काम मैन्युअल या मशीनी है, उसमें कर्मचारी सुरक्षा उपकरणों से लैस हैं या नहीं। सफाई मित्रों का कोरोना टीकाकरण हुआ या नहीं। इन सभी सेवा के आधार पर कुल 3000 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के रखे हैं।
सिटीजन वायस के 2250 अंक
2250 अंक सिटीजन वायस के निर्धारित किए हैं, इसमें यह परखा जाएगा, कि शहर को साफ-सुथरा रखने में किस तरह निगम काम कर रहा। इसके अलावा 10 सवाल शहरवासियों से पूछे जाएंगे। इसमें घरों से रोजाना कूड़ा उठता है या नहीं, क्या आप गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग कर डालते हैं, क्या आप जानते हैं कि आप नजदीकी टायलेट को गूगल पर सर्च कर सकते हैं। क्या आपने सैनिटेशन संबंधी शिकायत करने के लिए स्वच्छता एप या सिटी बेस्ड कोई एप अपने मोबाइल में डाउनलोड किया है।
सर्टिफिकेशन के भी 2250 अंक
2250 अंक सर्टिफिकेशन के निर्धारित किए हैं। पिछले साल 1800 अंक निर्धारित थे। शहर पूरी तरह खुले में शौच मुक्त है या नहीं। इसमें सेवन स्टार सिटी के 1250 अंक, फाइव स्टार सिटी के 1000 अंक, थ्री स्टार सिटी के 800 अंक, वन स्टार सिटी के 500 अंक, ओडीएफ प्लस सर्टिफिकेट के 400, ओडीएफ प्लस प्लस सर्टिफिकेट के 800 अंक, और वाटर प्लस सर्टिफिकेट के 1000 अंक निर्धारित किए हैं।
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