राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में दाखिला पाने के लिए दो छात्रों के परिजनों के द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। बच्चों की उम्र अधिक होने पर उनके नाम बदलकर कम उम्र के दस्तावेज बनाए गए। आरोपियों पर केस दर्ज कराने के लिए RIMC प्रशासन ने पुलिस को तहरीर भेज दी है।
पुलिस को दी गयी तहरीर के अनुसार, मध्य प्रदेश स्थित ग्वालियर के एक कैडेट ने 10 जून को RIMC में आठवीं में दाखिला लिया। पर, जांच में पता चला कि पिता ने बेटे की जन्मतिथि, निवास और बाकी के जो प्रमाण पत्र दिए, वे फर्जी थे। 14 मार्च और 22 अक्तूबर 2020 को इसी छात्र का किसी दूसरे नाम से आवेदन आया था। तब जन्मतिथि 26 सितंबर 2008 थी। प्रवेश सत्र के तहत 27 मार्च 2021 को किए गए आवेदन में कोई और नाम के साथ जन्मतिथि 10 मई 2010 बताई गई।
मध्यप्रदेश के ही भिंड के दूसरे कैडेट ने बीते 20 सितंबर को दाखिला लिया। जांच में इसकी भी जन्मतिथि, निवास और शैक्षिक दस्तावेज फर्जी निकले। कैडेट के परिजनों ने 19 मार्च और 18 नवंबर 2020 को भी आवेदन करवाया। तब किसी और नाम से दस्तावेज दिए गए, जिसमें जन्मतिथि आठ सितंबर 2008 बताई गई। 12 अप्रैल 2021 और 18 अक्तूबर 2021 को किए गए आवेदन में नाम बदला, जन्मतिथि आठ मार्च 2010 बताई गई। अक्तूबर में आवेदन के बाद दाखिला भी करवा दिया गया।
यह फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद दोनों कैडेटों को निकाले जाने की प्रक्रिया की गई। दोनों के परिजनों के खिलाफ मुकदमा कराने के लिए सहायक प्रशासनिक अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल अभिषेक राना ने कैंट थाना पुलिस को तहरीर भेजी है। जल्द पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर सकती है। दाखिला पाने वाले नाबालिग हैं और उन्हें दाखिला दिलाने के लिए फर्जीवाड़ा परिजनों ने ही किया। कार्रवाई परिजनों के खिलाफ ही कराई जा रही है।

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