उत्तराखंड में इन दिनों IPS अधिकारियों का कुनबा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के कारण उत्तराखंड में IPS अधिकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिस कारण से 13 जनपदों के लिए 32 IPS अधिकारियों में आपस मे ही प्रतिस्पर्धा का माहौल है।
राजकीय एवं केंदीय प्रतिनियुक्ति में न जाने के कारण उत्तराखंड में DIG से निचले स्तर के IPS अधिकारियों की प्रदेश में भरमार पड़ी हुई है। जिस क्रम में पुलिस मुख्यालय ने शासन के निर्देश पर समस्त IPS अधिकारियों से प्रतिनियुक्ति पर जाने की पेशकश करी, लेकिन विभागीय सूत्र बताते हैं कि IG कार्मिक द्वारा जारी किए गए पत्र के बावजूद, एक भी अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए नहीं माना है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में 2012 बैच से 32 IPS अधिकारी SSP एवं SP रैंक पर तैनात है। इन्ही 32 में ही 13 जनपदों में पोस्टिंग पाने की अंदरूनी जंग चलती आ रही है। प्रदेश में कैडर मैनेजमेंट ठीक से होने के कारण कोई वर्षों से ही फील्ड पोस्टिंग काट रहा है तो कई वर्षों से ही अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। ट्रांसफर पोस्टिंग में भी रोस्टर व पारदर्शिता न होने के कारण उत्तराखंड में IPS कैडर मैनेजमेंट बिगड़ा जा रहा है।
हालात ऐसे हो गए हैं कि अब नए IPS अधिकारी उत्तराखंड कैडर के हाल देखकर उत्तराखंड कैडर को चुन भी नहीं रहे हैं। उत्तराखंड में अब नए वही IPS अधिकारी आ रहे हैं जो यहीं के निवासी हैं या फिर जिनका नाम मेरिट में काफी नीचे हैं व मजबूरी में उत्तराखंड आना पड़ रहा है।

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