सचिवालय में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक का प्रकरण व सचिव पर जूते से हमले का प्रयास का प्रकरण अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि आज सचिवालय में एक और प्रकरण ने सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। आज सचिवालय के एक अधिकारी पर ही उसके सहायक ने बंदूक (एयर गन) तान दी। जिस क्रम में अधिकारी की तहरीर पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।
सचिवालय में अनुसचिव पद पर तैनात बलवंत सिंह भाकुनी द्वारा दी गयी तहरीर के अनुसार “मेरे कार्यालय में मेरे साथ हरीश चन्द्र ध्यानी, उपनल से सचिवालय सहायक के रूप में मेरे साथ सम्बद्ध है। जो प्रायः बिना बताये अवकाश पर रहने का अभ्यस्त है। इसने अपने उपस्थिति पंजिका में दिनांक 9.6.2025 सोमवार को पूरे सप्ताह अर्थात 13.6.2025 तक के एडवान्स में हस्ताक्षर कर दिये। इसके बाद मोबाईल पर अपने दो दिन अर्थात 10 व 11 जून को आकस्मिक अवकाश पर रहने की सूचना दी। आज दिनांक 12.6.2025 को आने पर ध्यानी ने पुनः काटी गई उपस्थिति पंजिका पर दिनांक 13.6.2025 शुक्रवार तक एडवान्स में हस्ताक्षर कर दिये। मेरे पूछने पर क्रोधित होकर उसने मेरे साथ गाली गलौज करते हुए अपने साथ लाई बन्दूक से मुझे मारने के लिए लपका। मेरे अपने बचाव में मेरे दाहिने हाथ की तर्जनी में खून भी निकल आया। उसने मुझे भविष्य में जान से मारने की धमकी दी। कुछ समय बाद सचिवालय सुरक्षा दल के अधिकारियों को बुलाकर स्थिति काबू में की गई। बन्दूक बरामदगी एवं मेरे उँगली में चोट की विडियो एवं फोटो भी खींच ली गई है। इस समय उक्त बन्दूक सचिवालय सुरक्षा कार्यालय में जमा है। हरीश चन्द्र ध्यानी से मुझे भविष्य में जान का खतरा है। अत: आपसे अनुरोध है कि सचिवालय परिसर जैसी सुरक्षित स्थान में ध्यानी द्वारा मुझे मारने हेतु घातक हथियार बन्दूक लाने के अपराधिक कृत्य के लिए तत्काल सुसंगत धाराओं में एफ.आई.आर. दर्ज करने का कष्ट करें।”
इस तहरीर के आधार पर उपनल सहायक हरीश चंद्र ध्यानी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में दर्ज कर लिया गया है। उक्त प्रकरण में एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि जांच में हथियार असली नहीं पाया गया है वह एक एयर गन थी। जिससे पुलिस ने जब्त कर लिया है।
वंही आज के प्रकरण ने एक बार फिर सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शासन में आज दिन भर यही चर्चा थी कि कैसे इतनी सुरक्षा के बीच हथियार सचिवालय परिसर के अंदर कैसे पंहुच गया।
DOON MIRROR से बातचीत में ADG अभिसूचना एवं सुराक्षा ए.पी अंशुमन ने बताया कि सचिवालय की सुरक्षा की प्रमुख जिम्मेदारी सचिवालय सुरक्षा दल की है। उत्तराखंड पुलिस (अभिसूचना एवम सुराक्षा) की टीम सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यलय सहित समस्त गेट ड्यूटी पर सचिवालय सुरक्षा दल के साथ तैनात रहती है। अगर प्रकरण में अभिसूचना एवं सुराक्षा विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही पाई जाती है तो वह CSO मुख्य सुरक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर दोषी सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाई अवश्य की जाएगी। वंही ADG अंशुमन ने यह भी बताया कि सचिवालय सुरक्षा दल उनके विभाग के अधीन नहीं आता हैं, सचिवालय प्रशासन विभाग ही सचिवालय सुरक्षा दल के लापरवाह सुरक्षा कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाई कर सकता है।

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