आपदाग्रस्त क्षेत्रों में नुकसान का आकलन व मरम्मत कार्यों की समीक्षा करने अब धरातल उतारे गए प्रभारी सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी हुआ यह आदेश !!

मानसून सत्र 2025 में उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में आई भारी प्राकृतिक आपदाओं द्वारा जनजीवन गहराई से प्रभावित हुआ है। इन आपदाओं के चलते जन-धन की व्यापक क्षति हुई है। बड़ी संख्या में आवासीय भवन, होटल, रेस्टोरेंट, होम-स्टे, कृषि भूमि, बागवानी, सड़कें, पुल, विद्युत और पेयजल योजनाएं समेत अन्य आधारभूत ढांचे क्षतिग्रस्त हुए हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय से सोमवार को जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रभावित जिलों में नियुक्त प्रभारी सचिव स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का आकलन करेंगे। इसके बाद वे आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे।

कार्यालय आदेश के अनुसार प्रभारी सचिवों को विशेष रूप से निम्न कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं—

क्षति का आकलन: प्रभावित भवनों, होटलों, रेस्टोरेंट, कृषि भूमि, बागवानी, सड़क, पुल, विद्युत व पेयजल योजनाओं की स्थिति का विस्तृत सर्वेक्षण।

पुनर्निर्माण की कार्यवाही: क्षतिग्रस्त विद्यालयों, भवनों व सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण संबंधी प्रस्ताव तैयार करना।

आपूर्ति एवं राहत व्यवस्था: प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न की उपलब्धता, वितरण और आवश्यक आपूर्ति की समीक्षा।

भू-अर्जन व मुआवजा: भूमि अधिग्रहण से जुड़े लंबित मामलों और विस्थापन/मुआवजा वितरण की कार्यवाही की समीक्षा।

सरकार का कहना है कि इन निर्देशों का उद्देश्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत व पुनर्वास कार्यों को तेजी और पारदर्शिता से आगे बढ़ाना है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी प्रभारी सचिवों से अपेक्षा जताई है कि वे अपने-अपने जिलों में जल्द से जल्द भ्रमण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।