जिस समस्या को डोईवाला व रायपुर के विधायक न समझ पाए उस समस्या का हल निकालने का बेड़ा इन दिनों चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने अपने कंधों पर ले रखा है। बता दें कि डोईवाला व रायपुर विधानसभा के बालावाला, रायपुर, मियांवाला, हर्रावाला, नकरौंदा, तुनवाला, कुआंवाला व नथुआवाला सहित अन्य क्षेत्रों के हजारों निवासी एक शासकीय आदेश के कारण अपनी ही जमीन पर आवास व व्यवसायिक भवन नहीं बना पा रहें हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार ने 2 वर्ष पूर्व रायपुर स्टेडियम से लगती हुई जमीन पर नया विधानसभा व सचिवालय भवन बनाने का निर्णय लिया था, जमीन चयन के बाद, आवास विभाग ने उस जमीन से लगते हुए समस्त क्षेत्रों को फ्रीज़ जॉन घोषित करते हुए, 6 माह के भीतर नियोजन विभाग को मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। मास्टर प्लान बनते ही यह फ्रीज़ जोन हटाने तक कि बात कही गयी थी, लेकिन 2 साल बाद भी हालत जस के तस हैं न तो धरातल पर कोई कार्य शुरू हुआ न मास्टर प्लान बना व न ही आवास विभाग ने इन क्षेत्रों से फ्रीज़ जोन हटाया।
जिसका नतीजा यह हुआ कि हजारों लोग 2 वर्ष से अपनी भूमि पर आधिकारिक तौर पर न ही आशियाना बना पा रहे हैं न ही कोई व्यवसाय कर पा रहे हैं। फ्रीज़ जोन होने के कारण MDDA भी इन क्षेत्रों में आवासीय व व्यवसायिक नक्शे पास नहीं कर रहा है। जिस क्रम में आवासीय लोन भी पास नहीं हो पा रहे हैं। कुछ लोगों ने बिना नक्शे के ही आवास व व्यवसायिक भवन बनाने की कोशिश की तो MDDA ने नोटिस चस्पा कर जमीन व भवन को ही सील कर दिया।
2 वर्ष से इस पीड़ा से झूझते स्थानीयों की बात जब डोईवाला के विधायक बृज भूषण गैरोला व विधायक रायपुर ने नहीं सुनी तो इस परेशानी का हल निकालने का बेड़ा चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने अपने कंधों पर लिया। उन्होंने गुरुवार यानी 20 फरवरी को नियम 53 के तहत सदन में यह प्रकरण उठाकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया, जिसके उपरांत राज्य सरकार की ओर से विभागीय एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जल्द से जल्द इन क्षेत्रों को फ्रीज़ जोन हटाने की बात कही।
विधानसभा सदन में नियम 53 के तहत चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने उठाया यह प्रश्न –

राज्य सरकार की ओर से विभागीय एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने दिया यह जवाब –


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