देहरादून नगर निगम में सामने आए करोड़ों रुपये के वेतन फर्जीवाड़े में आखिरकार सवा साल की देरी के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह घोटाला नगर निगम की मोहल्ला स्वच्छता समितियों में 99 फर्जी कर्मचारियों के नाम पर वेतन उठाए जाने से जुड़ा है, जो पांच वर्षों तक लगातार चलता रहा। इस फर्जीवाड़े से सरकार को लगभग नौ करोड़ रुपये का चूना लगाया गया।
जानकारी के लिए बता दें कि माह जनवरी 2024 में सामने आया था, जब जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी ने जांच शुरू की थी। जांच में पुष्टि हुई कि 2019 से 2023 तक फर्जी नामों से वेतन निकाला गया था। यहां तक की कुछ पार्षदों ने तो अपनी पत्नियों, रिश्तेदारों व पार्टी पदाधिकारियों को भी सफाई कर्मचारी दिखाकर सालों साल लाखों का वेतन का गबन किया है।
अब नगर निगम के उप नगर आयुक्त गौरव भसीन की तहरीर पर दर्ज एफआईआर में स्वच्छता समितियों के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष की भूमिका की जांच की जाएगी, साथ ही साथ प्राइवेट कंपनी से भी रखे हुए कर्मचारियों की भी बारीकी से जांच करवाई जाएगी।

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