बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही पौष्टिक आहार देने के लिए अब सरकार स्कूल में मिड-डे मील से पहले बच्चों को नाश्ता देने की भी तैयारी कर रही है !!
अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार –
इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से सुझाव मांगें गए हैं। इसके लिए स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों के हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे !!
मिड-डे मील योजना के तहत स्कूल में फिलहाल बच्चों को दिन का भोजन दिया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते अभी उस पर रोक है। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश के बाद दोपहर के खाने से पहले बच्चों को स्कूल में नाश्ता देने की तैयारी है !!
कई अध्ययनों से साफ हुआ था कि सुबह के पौष्टिक नाश्ते के बाद कुछ घंटों में कई सारे विषयों को पढ़ना अधिक प्रभावी होता है। इस दौरान की गई पढ़ाई जल्द याद होने के साथ समझ भी आती है। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नीति में इसके आधार पर ही बच्चों को दोपहर के खाने से पहले नाश्ता देने की तैयारी चल रही है !!
हेल्थ कार्ड में बच्चों के स्वास्थ्य की सभी जानकारी के साथ उनके टीकाकरण का डाटा भी रहेगा। फिलहाल कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के बच्चों को योजना का लाभ देने की तैयारी है। सुबह का नाश्ता स्कूल में बनेगा या बाहर बनेगा इस पर सरकार की ओर से फैसला लिया जाएगा !!
स्कूल में सुबह बच्चों को नाश्ता देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सुझाव मांगे गए हैं। विभाग के अधिकारियों के साथ मिल सुझाव तैयार किए जा रहे हैं। जल्द ही इन्हें पूरा कर केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा। नाश्ता स्कूल में बनेगा या बाहर से मंगवाया जाएगा इसको लेकर सरकार की ओर से फैसला लिया जाएगा।
– डॉ. मुकुल कुमार सती, मुख्य शिक्षा अधिकारी
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