घर बनाना हुआ और सस्ता, सरकार ने खनन सामग्री में कम की रॉयल्टी

खनन साम्रगी की कीमतों में प्रति क्विंटल छह से सात रुपये की आएगी कमी !!

सरकार ने उपखनिज के शुल्क की दरें घटा दी हैं। रेत, बजरी, पत्थर की कीमतें कम होने से घर बनाना सस्ता हो जाएगा। इस संबंध में शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है।

शासन ने दरों में एकरूपता का भी प्रयास किया है। प्रदेश के वन क्षेत्रों की नदियों से उपखनिज के चुगान का काम गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास है। इसके अलावा निजी नाप भूमि से भी रेत, बजरी, पत्थर आदि का चुगान हो रहा है, लेकिन स्टांप शुल्क, जिला खनिज फाउंडेशन में अंशदान और क्षतिपूर्ति के नाम पर जो शुल्क लिया जा रहा था। उससे निगम क्षेत्र से खनन सामग्री की कीमत निजी नाप भूमि के पटटों की तुलना में अधिक पड़ रही थी।

इस कारण लोगों को खनन सामग्री महंगी दरों पर मिल रही थी। अब शासन ने जिला खनिज फाउंडेशन के अंशदान को 25% से घटाकर 15% कर दिया है। जबकि क्षतिपूर्ति शुल्क को 15% से कम कर 10% किया गया है कुछ अन्य शुल्क भी कम किए गए हैं।

वन विकास निगम के महाप्रबंधक राहुल ने बताया कि शासन ने दरों को एक जैसा करने का प्रयास किया है। इससे राजस्व बढ़ेगा और लोगों को सस्ती दरों पर उपखनिज मिले सकेगा। प्रति क्विंटल दरें छह से सात रुपये कम होंगी।