जहां एक तरफ जनपद देहरादून में उत्तराखंड स्थापना दिवस का कार्यक्रम चल रहा था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू परेड की सलामी ले रही थी वंही उसी वक्त शहर के ही मुख्य सड़क राजपुर रोड स्तिथ रिलायंस ज्वेलरी स्टोर पर 5 हथियार बन्द बदमाशों ने डैकती डाल, फुर्र हो गए।
जानकारी के अनुसार बदमाशों ने दस मिनट के अंदर दस करोड़ की डकैती को अंजाम दिया। घटना के बाद से पूरे शहर में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि सुबह शोरूम में कीमती आभूषणों को सजाने की तैयारी चल रही थी। तभी पांच लोग ग्राहक बनकर अंदर घुसे और गन प्वाइंट पर कर्मचारियों को बंधक बना लिया। बदमाशों ने कर्मचारियों को पेंट्री में बंद किया। सभी के हाथ प्लास्टिक की रस्सी से बांध दिए। बदमाश यहां से करोड़ों रुपए के हीरे और सोने के जेवरात लूट कर ले गए।
उक्त घटना ने अब कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं जहां दून पुलिस राष्ट्रपति दौरे को लेकर कई दौर की सुरक्षा समीक्षा के दावे कर रही थी वंही अब यह भी सवाल खड़ा उठा है कि बदमाश रैकी के बाद से कहाँ रुके थे। क्या राष्ट्रपति दौरे से पूर्व दून पुलिस ने शहर के होटलों व धर्मशालाओं में सत्यापन व कॉम्बिंग की थी ?, क्या उस वक्त पता न चल सका इन हाइ-प्रोफाइल अपराधियों के बारे में ?, जहां शहर भर की सड़कों पर कई जगह अत्याधिक पुलिस फोर्स खड़ा था, शहर का अधिकतर हिस्सा जीरो जोन था व कई चौक चौराहों पर पुलिस बैरिकेडिंग लगी हुई थी फिर कैसे और कहाँ गायब हो गए यह बदमाश ?!
वंही उक्त प्रकरण पर वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी अपने ट्विटर हैंडल पर लिखते हैं कि –
खैर एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने उक्त घटना को चुनौती के रूप में स्वीकार कर जल्द ही बदमाशों को पकड़ने की बाद कही है। एसएसपी देहरादून ने बताया कि घटना में बदमाशों की धरपकड़ के लिए 4 टीम बनाई गई है व CCTV की क्लोज मोनिटरिंग सीओ लेवल के अधिकारी के नेतृत्व में चल रही है।
वंही दून पुलिस को यह भी इनपुट मिला है कि उक्त गैंग पूर्व में भी अन्य राज्यों के रिलायंस स्टोर पर 3 से 4 घटनाओं को अंजाम दे चुकी है व यह गैंग बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से तालुक रखती है।
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