अपने घर की छत के छोटे से हिस्से में सोलर प्लांट लगाकर आप सालाना बिजली का खर्च बचा सकते हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट योजना की सब्सिडी दोगुनी कर दी है। अब एक किलोवाट पर 17 हजार के बजाय 35 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी। केंद्र के निर्देशों के तहत सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
सरकार की ओर से भी 70 प्रतिशत सब्सिडी देकर घर-घर सोलर की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है। योजना के तहत उपभोक्ता को केंद्र सरकार की ओर से 35 प्रतिशत और राज्य सरकार की ओर से 35 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
क्या है योजना
ऊर्जा मंत्रालय ने अपनी इस योजना के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी घटा दी है। इस योजना के तहत आपके सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली सीधे यूपीसीएल के ग्रिड में जाती है। बिजली करीब 4.25 रुपये प्रति यूनिट यूपीसीएल खरीदता है। आपका जो घरेलू बिजली बिल आता है, उसमें से इतनी ही बिजली कम कर दी जाती है। अगर घरेलू जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा हो रही है तो उसका भुगतान भी यूपीसीएल करता है।
100 वर्ग फुट में एक किलोवाट
एक किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाने के लिए आपको 10 गुना 10 यानी 100 वर्गफुट जगह की जरूरत होगी। जैसे-जैसे किलोवाट क्षमता बढ़ेगी, वैसे ही आपको और ज्यादा जगह की जरूरत होगी।
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आवेदन की सरल प्रक्रिया
- ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि इस योजना के लिए केंद्र सरकार के पोर्टल www.solarrooftop.gov.in पर जाएं और पंजीकरण कराएं।
- इसके लिए आपको घर का बिजली का बिल और अपने आधार कार्ट की कापी सबमिट करनी होगी।
- इसके बाद उत्तराखंड ऊर्जा निगम की टीम आपके घर आकर टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीएफआर) तैयार करेगी। जिसमें छत का एरिया, प्लांट लगाने की दिशा समेत अन्य पहलुओं को देखा जाएगा।
- रिपोर्ट सबमिट होने के कारण आपको क्षेत्र के वेंडरों की लिस्ट उपलब्ध कराई जाएगी। जिसमें आप प्लांट स्थापित करने से सबसे कम दर वाले वेंडर को चुन सकते हैं।
- इसके बाद प्लांट स्थापित होने पर ऊर्जा निगम, वेंडर और उपभोक्ता तीनों को वर्क कंप्लीशन सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर करने होंगे। यह सर्टिफिकेट केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और सब्सिडी का पैसा सीधे उपभोक्ता के खाते में आएगा।
इतनी दी जाएगी सब्सिडी
- केंद्र सरकार की ओर से एक किलोवाट से 10 किलोवाट तक प्लांट पर प्रति किलोवाट 17662 रुपये सब्सिडी दी जाएगी। जबकि राज्य सरकार की ओर से एक किलोवाट से तीन किलोवाट तक 17662 रुपये और तीन किलोवाट से अधिक के प्लांट पर प्रति किलोवाट 8831 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
- तीन किलोवाट के प्लांट में मिलेगी 4000 मेगावाट बिजलीसोलर प्लांट स्थापित करने के लिए छत में 100 फीट प्रति किलोवाट स्थान चाहिए।
- तीन किलोवाट के प्लांट से वर्षभर में करीब 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इसमें उपभोक्ता अपनी जरूरत की बिजली का उपभोग कर नेट मीटरिंग के जरिये ऊर्जा निगम को भी बेच सकता है।
- प्लांट सामान्यत: 25 वर्ष तक कार्य करता है। इसमें वेंडर की ओर से भी 10 वर्ष की गारंटी दी जाती है।
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