न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में उत्तरकाशी में स्थानीय खुफिया इकाई में हेड कांस्टेबल मनीषा नेगी की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया है कि वह अपनी पांच वर्षीय बेटी का पालन-पोषण एकल माता-पिता के रूप में कर रही है। उनकी बेटी अपनी 70 वर्षीय नानी के साथ रहती है। पिछले महीने 21 फरवरी को चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन किया था। आवेदन में बताया कि उनकी बेटी मनोवैज्ञानिक समस्या से पीड़ित है। उससे निपटने के लिए उसे अपनी मां के साथ रहने की जरूरत है।
एसपी उत्तरकाशी ने आवेदन को आगामी संसदीय चुनाव के आधार पर मंजूरी नहीं दी। कोर्ट ने कहा, वह इस तथ्य से अवगत है कि सीसीएल कर्मचारी का अधिकार नहीं है, बल्कि सरकारी कर्मचारी के नियुक्ति प्राधिकारी के विवेक और निपटान के अधीन है। न्यायालय की राय है कि याचिकाकर्ता अपनी बेटी की देखभाल के लिए 45 दिनों की सीसीएल की हकदार है। एसपी को निर्देश दिया कि महिला हेड कांस्टेबल को तीन दिन के अंदर यह अवकाश दिया जाए।
बता दें कि हेड कॉन्स्टेबल मनीषा नेगी जनपद उत्तरकाशी से पूर्व पुलिस मुख्यालय में PRO सेल में अटैचमेंट पर तैनात थी, जिसको किन्ही कारणों से अचानक उत्तरकाशी तैनात कर दिया गया।
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