नगर निगम देहरादून में सब कुछ सामान्य या चुनाव से पहले एक बड़े खुलासे की ओर सरकार अग्रसर !!

नगर निगम देहरादून की आज कल मानो आवो हवा बदली बदली सी नजर आ रही है। कुछ दिन पूर्व वित्त विभाग से सख्त अधिकारियों की तैनाती और आज सूचना आयुक्त की निगम में छापेमारी कुछ न कुछ कहानी बयां करती है।

चुनाव से ठीक पहले नगर निगम देहरादून में उठा पटक तेज है। इसी बीच राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट आज सुबह अचानक नगर निगम देहरादून निरीक्षण व छापेमारी करने पहुंचे। दरअसल, नगर निगम में सूचना के अधिकार से मांगी गई जानकारियां देर से देने और कई जानकारियों को लेकर लापरवाही की लगातार शिकायतें मिल रही थी जिसके बाद यह निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण में नगर निगम की ख़ामियां देखने को मिली, जहां रिकॉर्ड रूम में हाल ही में फाइल चोरी पर भी सूचना आयुक्त भट्ट ने नाराजगी जताई वहीं सूचना के अधिकार के मैन्युल न मिलने पर भी अधिकारियों को फटकार लगाकर पांच महीने में इसको मेंटेन करने के निर्देश भी दिए।

विशिष्ट सूत्र बतातें हैं कि कई लोगों ने कुछ टेण्डर प्रक्रिया, मोहल्ला सफाई समिति व कूड़ा उठान टेंडर से जुड़ी जानकारी सूचना के अधिकार के माध्यम से मांगी थी, जिनको निगम द्वारा निर्धारित समय पर नहीं दिया जा रहा था। जिस कारण सूचना आयुक्त योगेश भट्ट को स्वयं नगर निगम आना पड़ा है।

वहीं इस निरीक्षण के बाद नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि व्यवस्था को और दुरुस्त किया जाएगा। हालांकि अपनी सफाई में नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि नगर निगम में लोग कई विभागों से जुड़ी हुई सूचनाएं मांगते हैं, जिससे कई बार देरी हो जाती है तमाम व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा। इस निरीक्षण के बाद नगर निगम के हालात कितने सही हो पाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।

बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही वित्त विभाग ने अपने तेज तर्रार अधिकारियों को नगर निगम देहरादून में तैनात किया है। जिनमें फाइनेंस कंट्रोलर के पद पर अमित जैन व महानगर लेखा परीक्षक के पद पर संजीव कुमार सिंह को नगर निगम देहरादून में तैनात किया गया है। वंही वित्तीय अनियमिताओं की चर्चा के बीच इन अधिकारियों की तैनाती कुछ न कुछ गड़बड़ की ओर इशारा करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फाइनेंस कंट्रोलर अमित जैन ने ही आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी में करोड़ों का घपला पकड़ा था जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में जोरों शोरों से हुई थी। सूत्र बताते हैं कि एफ.सी अमित जैन ने पिछले छह महीने की मोहल्ला सफाई समिति, डोर टू डोर कचरा उठान सहित तमाम टेंडर की फाइलें खंगालनी शुरू कर दी है जिसके बाद से ही निगम में हलचल मची हुई है।