कई वर्षों की नौकरी के बाद भी नही सीख पाए कुछ IFS वन विभाग के नियम कानून, अब देहरादून जू में अवैध रूप से रखे गुलदार के शावकों पर उठ रहे सवाल !!

देहरादून जू में चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से लाए गए गुलदार के दो शावकों के नाम बदलने के बाद अब नया विवाद खड़ा हो गया है। दोनों शावकों को जू में अवैध रूप से पिंजरे में रखा गया है। इनको डिस्प्ले (लोगों को दिखाने के लिए) में रखने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) से अनुमति नहीं ली गई, जो ऐसे मामलों में अनिवार्य है।

26 जून को रेस्क्यू सेंटर से एक साल और दस माह की मादा और नर गुलदार को लाया गया था, जिन्हें अगले दिन यानी मंगलवार से दून जू में बाड़े बनाकर रख दिया गया। अब इसे लेकर विभाग में ही सवाल उठने लगे हैं। विभागीय जानकार बताते हैं कि उक्त प्रकरण में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 38-I का सीधा उल्लंघन हुआ है।

उक्त प्रकरण पर जब DOON MIRROR की टीम ने देहरादून जू के डायरेक्टर नितेश मणि त्रिपाठी (IFS) से बात करनी की कोशिश की तो हर बार की तरह उन्होंने फोन नही उठाया।

वंही PCCF वाइल्ड लाइफ डॉ समीर सिन्हा ने कहा कि अनुमति के बिना शावकों को डिस्प्ले में नहीं रखा जा सकता है। जू में दो शावकों के लिए कोई परमिशन नहीं ली गई है। इस मामले को दिखवाया जाएगा।

“दून जू में अगर दो शावक डिस्प्ले में रखे गए हैं तो ये पूरी तरह गलत है। यह वाइल्ड लाइफ ऐक्ट का खुला उल्लंघन है। मेरी जानकारी में दून जू में दो गुलदार शावक रखने के लिए परमिशन का कोई मामला नहीं है। एक जुलाई को दफ्तर जाकर दिखवाता हूं। अगर परमिशन नहीं ली होगी तो अफसरों पर कार्रवाई होगी।”  संजय शुक्ला सदस्य सचिव , केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली