शासन, सदन व हाई कोर्ट में हुई चर्चाओं के बाद भी PMGSY से नही हटाये गए चीफ इंजीनियर R.P सिंह, कैसे इतने ताकतवर हो गए यह 7 अभियंता कि अब मूल विभाग में इन्हें नही भेज पा रहा शासन !!

अक्सर हम आपको उत्तराखंड सचिवालय के बेहद दिलचस्प किस्से खबरों के माध्यम से बताते आए हैं, आज की खबर भी कुछ इसी प्रकार की है कि “कैसे शासन और सदन की फटकार / नोटिस व हाइकोर्ट में डली PIL के बाद भी आर. पी सिंह को वापस मूल विभाग क्यों नही भेज पा रहे सचिवालय के कुछ अधिकारी !!

बता दें कि सिचाई विभाग से PMGSY में डेपुटेशन पर आए 7 अभियंतओं की प्रतिनियुक्ति अवधि पिछले वर्ष समाप्त हो गयी थी जिसके बाद इन सभी अभियंताओ को वापिस मूल विभाग में जोइनिंग देनी थी, लेकिन ऐसा नही होता है ।

सिचाई विभाग के कई नोटिसों व रिमाइंडर के बाद भी चीफ इंजीनियर PMGSY के पद पर तैनात आर.पी सिंह सहित 7 अभियंता इन नोटिसों का जवाब नही देते हैं व इन शासकीय पत्राचारों को दबा तक देते हैं।

यह प्रकरण प्रकाश में तब आया जब DOON MIRROR द्वारा उक्त विषय पर RTI में सूचनाएं मांगी गई, इसी बीच कॉंग्रेस विधायक प्रीतम सिंह द्वारा भी यही मामला विषेशाधिकार हनन के तहत विधानसभा सदन में रखा गया, जिसका नतीजा यह निकला कि सदन के दौरान ही विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को अपने कमरे में बुलाकर उक्त प्रकरण पर कड़ी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया। तब यह माना जा रहा था कि नियमविरुद्ध चार्ज में बैठे इन अभियंताओ को जल्द ही मूल विभाग में भेजा जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा नही हुआ है।

अभियंताओं पर करवाई न होता देख प्रताप सिंह रावत नामक व्यक्ति द्वारा उक्त मामले को PIL डालकर नैनीताल हाइकोर्ट के समक्ष लाया गया, जिसपर न्यायालय द्वारा सचिव सिचाई, सचिव ग्रामीण विकास निर्माण, सीईओ PMGSY को अपना अपना काउंटर फ़ाइल करने के लिए कहा गया है।

सदन, शासन व कोर्ट में मामला उठने के बाद भी मानो शासन स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी इन 7 अभियंताओं की वापसी नही करवाना चाहते हैं या फिर कुछ समय मे ही चीफ इंजीनियर आर.पी सिंह सहित यह 7 इंजीनयर इतने प्रभाव शाली हो गए कि शासन से लेकर राजनैतिक स्तर पर हर कोई इन सभी पर कार्यवाही करने से बचता नजर आ रहा है।

खैर सदन में विधायक प्रीतम सिंह ने इन सभी के पीछे के अदृश्य हाथ का जिक्र कर ठीक ही कहा था, जिसका नतीजा आज आप सभी के समक्ष है।

DOON MIRROR की RTI में हुआ खुलासा

DOON MIRROR को RTI के माध्यम से एक पत्र हाथ लगा है जिसमें प्रमुख अभियंता सिचाई ने सीईओ PMGSY को लिखा है कि कैसे इन अभियंता द्वारा मूल विभाग के नोटिसों व स्पष्टीकरण का जवाब नही दिया जा रहा है व यह सभी इंजीनियर PMGSY में बिना NOC के डेपुटेशन पर कार्यरत हैं व इन्हें यथाशीघ्र कार्यमुक्त किया जाए।

अब देखना होगा कि इन 7 अभियंताओं पर अब कोई कार्यवाही होगी भी या फिर इसी तरह के खेल, उत्तराखंड शासन में एक और नए गैरकानूनी प्रथा जन्म देंगे।