उत्तराखंड कैडर में हुई एक और IAS की एंट्री, दिन पर दिन बढ़ता जा रहा कैडर, 3 और के आने की चर्चा, बिना JAG के ही नए IAS बन जा रहे अपर सचिव !!

उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में भी इन दिनों अधिकारियों की फौज भी लगतार बढ़ती जा रही है। सचिव स्तर से लेकर अपर सचिव व DM रैंक के अधिकारियों की तादाद में काफी उछाल आया है। इसका मुख्य कारण उत्तराखंड IAS कैडर का ठीक से रिव्यू न होना है।

बात करें अपर सचिव रैंक की तो इस समय IAS कैडर में 12, सचिवालय कैडर में 13 एवं अन्य कैडर में 3 से 4 पद सृजित हैं, लेकिन मौजूदा हाल में करीब 30 पदों के सापेक्ष शासन में इस वक्त 52 से 54 के करीब अपर सचिव कार्यरत है।

बिना JAG के ही शासन में IAS को बनाया जा रहा अपर सचिव– शासन स्तर पर अपर सचिव स्तर के अधिकारियों की बढ़ती संख्या ने कार्मिक विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि उत्तराखंड में बिना JAG – (जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड – 7600) के ही IAS अधिकारियों को सीधा अपर सचिव पद पर तैनात कर दिया जा रहा है। जिस कारण से अपर सचिव स्तर पर अधिकारियों की फौज खड़ी हो गयी है। बात करें अन्य राज्यों की तो वहां बिना JAG के IAS अधिकारियों को जॉइंट / संयुक्त सचिव या फिर डिप्टी सेक्रेटरी पद पर प्रथम तैनाती दी जाती है।

एक और IAS की हुई कैडर में एंट्री

DOPT के आदेश के अनुसार 2021 बैच के IAS अधिकारी प्रवीण कुमार को बिहार कैडर से अवमुक्त करते हुए उत्तराखंड कैडर आवंटित कर दिया गया है। बता दें कि उनकी पत्नी अनामिका भी 2021 बैच की आईएएस अधिकारी हैं व दंपत्ति तबादला नीति के तहत ही उनके पति प्रवीण कुमार का कैडर बदला गया है। वह दोनों अभी CDO रैंक के अधिकारी हैं।

3 और IAS के आने की चर्चा

वंही नवनियुक्त / नव आवंटित कैडर से उलट 3 और IAS अधिकारियों की उत्तराखंड आने की चर्चा है। जानकारी के अनुसार दंपत्ति तबादला नीति के तहत ही 3 और IAS उत्तराखंड आने के इच्छुक है। तीनों के ही या तो पति या फिर पत्नी अभी उत्तराखंड कैडर में कार्यरत हैं। सूत्र बताते हैं कि इनमें से एक 2017, एक 2020 बैच व एक अन्य बैच के अधिकारी हैं।

बीच कैडर में आने से होता है यह नुकसान – कैडर एलोकेशन के बाद अन्य कैडर में जाने से उक्त कैडर में कुप्रबंध होने शुरू हो जाते हैं। एक तो उक्त बैच बड़ा भी जो जाता है व राज्य सरकार के लिए भी अधिकारियों को एक समान तैनातियों देने में भी कठिनाइयाँ आती है। समान स्तर की तैनाती न मिलने के कारण एक ही बैच के IAS अधिकारी आपस में असंतुष्ट रहते हैं।