ED ने हरक सिंह रावत सहित अन्य 4 के खिलाफ दायर की अभियोजन शिकायत, यह है मामला !!

प्रवर्तन निदेशालय (ED), देहरादून ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बिरेंद्र सिंह कंडारी, हरक सिंह रावत, दीप्ति रावत, लक्ष्मी राणा और पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ विशेष न्यायालय (PMLA), देहरादून में अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) दायर की है।

बता दें कि ईडी की जांच एक एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी, जो सहसपुर, देहरादून (उत्तराखंड) में आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि दीप्ति रावत (पत्नी हरक सिंह रावत) और लक्ष्मी सिंह राणा ने साजिश के तहत उन ज़मीनों को अपने नाम पंजीकृत करा लिया, जिसमे बिरेंद्र सिंह कंडारी, हरक सिंह रावत, स्वर्गीय सुशीला रानी और अन्य ने साजिश रची थी।

ED की जांच में यह भी सामने आया कि न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद, सुशीला रानी ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर सहसपुर, देहरादून की ज़मीनों के लिए दो पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार करवाईं। इन ज़मीनों को फिर बिरेंद्र सिंह कंडारी (जो हरक सिंह रावत के करीबी माने जाते हैं) के माध्यम से दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह राणा को बेचा गया। यह ज़मीनें सर्कल रेट से काफी कम कीमत पर बेची गईं।

जिन ज़मीनों की खरीद दीप्ति रावत ने की, वे अब “दून इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस” (जो पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत संचालित होता है) का हिस्सा हैं। यह ट्रस्ट हरक सिंह रावत के परिवार और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा संचालित किया जाता है।

जानकारी के लिए बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने जनवरी 2025 में इस मामले में करीब 101 बीघा भूमि (मूल्य लगभग ₹6.56 करोड़, जबकि वर्तमान बाजार मूल्य ₹70 करोड़ से अधिक है) को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया था। कुर्क की गई जमीन देहरादून ज़िले में स्थित है और इस प्रकरण का हिस्सा है।