जहां एक तरफ दरोगा भर्ती प्रकरण में विजिलेंस ने हल्द्वानी में 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
वंही दूसरी ओर उत्तराखंड के कई दारोगा ने अपनी सहूलियत के लिए कुछ अनुभवी रिटायर्ड दरोगाओं को मानो हायर कर रखा है !!
इन दरोगाओं में से अधिकतर 2015 बैच के वह दरोगा है जिनका नाम जल्द ही भर्ती घोटाले के जांच के दौरान सामने आ सकता है !!
किसी ने हायर किये हैं तोह कोई दावत के बहाने केस डायरी से लेकर सभी लिखा पड़ी के काम इन अनुभवी रिटायर्ड दरोगाओं से करा रहा है !!
उक्त मामले को अगर दूसरे नजरिये से देखा जाए तोह यह रिटायर्ड दरोगा पुलिसिया तंत्र की मदद कर विवेचकों से काम का बोझ कम कर रहे हैं !!
लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि क्या इतने वर्ष की नौकरी के बाद भी मौजूदा कुछ दरोगा अभी तक विभाग की लिखा पड़ी नही सीख पाए ??
यह घटनाक्रम मौजूदा कुछ दरोगाओं की योग्यता व दक्षता पर सवाल खड़ा करता है !!
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