जनता के आवेदनों को लटकाने पर नगर निगम के अफसर और कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। आयोग के आदेश पर डीएम ने निगम के 25 अफसरों और कर्मचारियों पर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं आगे ऐसा मामले तय समय में निपटाने की हिदायत दी गई है।
सेवा का अधिकार आयोग ने डीएम कार्यालय को आदेश भेजा। कहा कि संपत्ति में नाम ट्रांसफर (दाखिल खारिज) के कुल 1017 मामलों को नगर निगम में एक जनवरी 2019 से 30 जून 21 के बीच लटकाकर रखा गया। समय पर इनका निस्तारण नहीं होने से आम लोगों को परेशानी हुई। डीएम ने आयोग के आदेश पर नगर निगम से इस लापरवाही से जुड़े अफसरों और कर्मचारियों की सूची मांगी।
इस दौरान डीएम कार्यालय को उप नगर आयुक्त समेत 25 नाम भेजे गए। सभी पर डीएम ने सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत 500-500 रुपये का दंड लगाया है
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
उपनगर आयुक्त सोनिया पंत, सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, कर एवं राजस्व अधीक्षक धर्मेश पैन्यूली, पूनम रावत, अनिरुद्ध चौधरी, दीपेंद्र बमोला, रमेश पाठ, कुलदीप सिंह सीमा रावत, रमेश काला, संजय कसाना, शरद डिमरी, दिनेश डबराल, अजय बहुगुणा, सुदेश जोशी व नंदा बल्लभ सनवाल। नामांतरण लिपिक खुशी राम थपलियाल, कमल रावत, परमानंद, ममतेश चौधरी, गजेंद्र चौहान, अनिल उनियाल, दिनेश कोठारी और रिटायर नामांतरण लिपिक लक्ष्मी प्रसाद, विजय पेन्यूली शामिल हैं।
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