उत्तराखंड पुलिस महकमे में इन दिनों एक पत्र काफी चर्चाओं में है। उक्त पत्र कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने समस्त जनपदों के कप्तानों को लिखा है। जानकारी के अनुसार उक्त पत्र कुछ पुलिसकर्मियों के विभिन्न प्रकरणों में संलिप्तता से लेकर विभागीय भ्रष्टाचार पर कार्यवाई करने विषय पर आधारित है।
बता दें कि अभिनव कुमार द्वारा जारी किए गए पत्र में यह उल्लेखित है कि थाना स्तर पर FIR पंजीकरण, अभियोगों के अन्वेषण, यातायात प्रबंधन, अवैध शराब / मादक पदार्थ की तस्करी, चरित्र सत्यापन आदि की जांच / कार्यवाई में पुलिस कार्मिकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त होती हैं, जो गुड गवर्नेंस एवं जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के विपरीत है। जिस कड़ी में जनपद स्तर पर भ्रष्टाचार संबंधित शिकायतों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाए।
CO की जानकारी के बगैर नही हो सकेंगे यह मुकदमे दर्ज – अभिनव कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि थाना स्तर पर धोखाधड़ी व जमीन संबंधी प्रकरणों में CO / क्षेत्राधिकारी के संज्ञान लाकर ही प्राथमिक जांच के उपरांत ही FIR दर्ज की जाए। वंही क्रॉस केस से संबंधित रिपोर्ट भी CO के संज्ञान में लाकर ही दर्ज की जाए।
धारा व अभियुक्त के नाम बढ़ाने व घटाने को लेकर भी जारी हुए निर्देश – मुकदमों की विवेचना के दौरान धारा के बढ़ाने व घटाने से पूर्व विवेचक को क्षेत्राधिकार के संज्ञान में लाना जरूरी होगा। क्षेत्राधिकार भी साक्ष्यों को अपने कब्जे में लेकर ही अग्रेत्तर निर्देश देंगे। विवेचनाओं में अभियुक्त का नाम जोड़ने व हटाने पर भी विवेचक को पूर्व में ही CO को सूचित करना होगा। समस्त CO यह भी सुनिश्चित करेंगे की कोई विवेचना विवेचक द्वारा जान-बूझकर काफी दिनों से लंबित तो नही छोड़ी गई है।
जनपद पुलिस की छवि बनाना कप्तान की जिम्मेदारी व कप्तान करें आकस्मिक छापेमारी – डीजीपी ने पत्र में यह भी लिखा है कि जनपद में पुलिस की छवि सुधारने व जीरो टॉलरेंस पालिसी को स्थापित करना कप्तानों का व्यक्तिगत उत्तरदायित्व है व ऐसा न होने के दृष्टिगत जिम्मेदारी कप्तानों की होगी। कप्तान भ्रष्टाचार की शिकायतें रोकने हेतु समय-समय पर सभी थाना व चौकियों का आकस्मिक छापेमारी व चेकिंग भी करेंगे।
स्थानीय पुलिस की संलिप्तता की संभावना –
पत्र में यह भी उल्लेखित है कि जनपद स्तर पर अवैध खनन, अवैध शराब, मादक पदार्थों की बिक्री एवं वाहन चेकिंग में स्थानीय पुलिस की संलिप्त की संभावना के दृष्टिगत जनपद के कप्तान अभिसूचना के माध्यम से जानकारी एकत्रित कर गोपनीय टीम का गठन कर उक्त के संबंध में छापेमारी की कार्यवाई करवाएं।
पासपोर्ट एवं अन्य सत्यापन में न हो देरी –
चरित्र सत्यापन, पासपोर्ट सत्यापन, शस्त्र लाइसेंस आदि सत्यापन की रिपोर्ट देने के दौरान सेवा का अधिकार अधिनियम का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए, किसी भी कारण से यह सभी रिपोर्ट देने में देरी न की जाए।
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