पाखरो के 6 हज़ार पेड़ प्रकरण पर पहली बार मीडिया से रूबरू हुए DG फारेस्ट, DOON MIRROR से खास बात चीत में कहा …

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध तरीके से 6000 पेड़ काटने के मामले में कुछ अधिकारियों पर गाज तो जरूर गिरी है लेकिन आज भी कुछ दोषी अधिकारी ऐसे हैं जो अपने रसूख व हाई लेवल पहचान का इस्तेमाल कर आज भी मलाईदार कुर्सियों पर बैठे हैं।

बता दें कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से 6000 पेड़ काटे जाने और निर्माण समेत वित्तीय मंजूरी को लेकर करीब 10 अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। हालांकि संरक्षित क्षेत्र के भीतर में अवैध कामों के लिए 8 अधिकारी को नाम सहित अलग-अलग कार्यों के लिए जिम्मेदार भी माना गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय जांच कमेटी न केवल सिर्फ उत्तराखंड कैडर के IFS अधिकारियों को इसमे दोषी मान रही है बल्कि उक्त प्रकरण में शासन में बैठे एक अधिकारी के खिलाफ भी अगले कुछ दिनों में NGT व कोर्ट को कुछ साक्ष्य मुहैया करा सकती है जांच कमेटी।

कहा तो यहां तक जाता है कि शासन में बैठे उस अधिकारी ने यह प्रोजेक्ट शुरू होने से पूर्व ही कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के नजदीक की उत्तरप्रदेश राज्य में आने वाली कई जमीन अपने रिश्तेदारों व जानकर डीलरों से खरीदवा दी गई थी, जिससे प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद, नजदीकी जमीनों के दाम एक दम से आसमान छू जाएं, खैर DOON MIRROR इन बातों की पुष्टि नही करता हैं लेकिन अगर इस प्रकरण की जांच हो जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

DOON MIRROR से खास बातचीत में DG फारेस्ट सी.पी गोयल ने कहा कि दोषी अधिकारियों पर नियम व कानून अनुसार करवाई की जाएगी व कोई भी दोषी अधिकारी जांच व करवाई से बच नहीं पाएगा।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी 19 जुलाई को एनजीटी सुनवाई के दौरान अपना क्या फैसला सुनाती है और ऊँट किस करवट बैठता है।