दून में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम कछुआ रफ्तार से चल रहा है। निर्माण की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इसका असर स्मार्ट सिटी की रैंकिंग पर पड़ रहा है। करीब दो साल पहले दून देशभर में आठवें नंबर पर था। जबकि, जनवरी 2023 में यह रैंकिंग गिरकर 48 पहुंच गई। यही हाल रहा तो रैंक और पीछे होने में देर नहीं लगेगी।
कहीं फुटपाथ से सड़क संकरी तो कहीं कब्जे क्रॉस रोड मॉल के बाहर फुटपाथ बनने के बाद सड़क की चौड़ाई कम होने पर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को इसे तुड़वाना पड़ा था। अब ऐसी ही नौबत विकास भवन के बाहर आ रही है। यहां जलसंस्थान की ओर से पेयजल लाइन बिछाने के साथ फुटपाथ बनाने का काम शुरू किया गया है। लेकिन, फुटपाथ बनने से यहां भी सड़क संकरी हो जाएगी। बाकी इलाकों में भी फुटपाथ की चौड़ाई एकसमान नहीं है।
अधूरे काम छह महीने में पूरे करने की चुनौती स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दून में चल रहे सौंदर्यीकरण और विकास के कार्य अगले छह माह में पूरे कराने की बड़ी चुनौती है। ज्यादातर काम जून 2023 तक पूरे किए जाने हैं, ग्रीन बिल्डिंग को छोड़कर समस्त योजनाओं का काम हर हाल में पूरा करने के निर्देश हैं। इस साल अंत में नगर निकाय और अगले साल लोकसभा चुनाव के चलते सरकार और स्मार्ट सिटी के सामने तय समय में काम पूरा करवाने की चुनौती है।
बता दें कि 2018 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शुरू होने के दौरान दून की रैंकिंग 99 नंबर थी। फरवरी 2020 में 8वीं रैंक प्राप्त करने में स्मार्ट सिटी लिमिटेड को कामयाबी मिली। इसके अलावा दिसंबर 2019 में 20 के आसपास रैंक रही। जनवरी 2023 में 48वीं रैंक है। अब जून तक मॉडर्न लाइब्रेरी भवन, परेड ग्राउंड और पलटन बाजार सौंदर्यीकरण, स्मार्ट पोल का काम पूरा हुआ तो रैंकिंग में सुधार हो सकता है।
पुरानी सड़कें बनाते नहीं, नई खोद देते हैं
परेड ग्राउंड के आसपास अभी पूर्व में खोदी गई सड़कों की मरम्मत का काम ठीक से पूरा भी नहीं हो पाया, दोबारा खुदाई का काम जरूर शुरू हो गया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लैंसडौन चौक के आसपास सीवर लाइन और विकास भवन के बाहर पेयजल लाइन बिछाने के लिए दोबारा खुदाई की जा रही है। इससे वाहन चालकों और राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विभागों में सामंजस्य की कमी के कारण सड़कों की बार-बार खुदाई हो रही है
अब देखना होगा कि क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्मार्ट सिटी कार्यों में हो रही देरी को देखते हुए CEO की जिम्मेदारी किसी अन्य काबिल अधिकारी को देंगे या फिर यह ढर्रा ऐसे ही चलता रहेगा।
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