GST चोरी पर पहली बार देहरादून के ब्यूटी पार्लरों पर छापे !!

राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने दून, मसूरी और ऋषिकेश में सात ब्यूटी पार्लर और एक कॉस्मेटिक सप्लायर के यहां छापे मारे। साथ ही, कई दस्तावेज जब्त किए गए। इन प्रतिष्ठानों में लाखों की कर चोरी का अंदेशा है। जांच में खुलासा हुआ कि कई पार्लर चैन संचालकों ने अपनी कुछ ब्रांचों को कर विभाग में घोषित ही नहीं किया था। पार्लर खर्च से कम बिक्री दिखाकर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे थे।

अपर आयुक्त-गढ़वाल जोन अनिल सिंह के अनुसार, हमें लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि दून और आसपास के इलाकों में लेडीज सैलून और ब्यूटी पार्लर बड़ी मात्रा में व्यापार कर रहे हैं, लेकिन इसके अनुरूप जीएसटी अदा नहीं की जा रही है। इनके कारोबार पर 18 फीसदी जीएसटी देय होता है। लिहाजा, छापेमारी की योजना बनाई गई। बीते बुधवार शाम को 25 सदस्यीय टीम ने चार बड़े ब्यूटी पार्लर की सात ब्रांचों पर छापेमारी की, जिसमें मसूरी और ऋषिकेश की ब्रांच भी शामिल थीं। कई जगहों से दस्तावेज जब्त किए गए। इनकी जांच में प्रथमदृष्टया लाखों की कर चोरी की साक्ष्य मिले हैं। एक कॉस्मेटिक सप्लायर के ठिकाने पर भी जांच टीम पहुंची। दस्तावेजों की पूरी जांच के बाद जीएसटी चोरी का सही आकलन हो सकेगा। इस टीम में उपायुक्त यशपाल सिंह, नेहा मिश्रा, आशीष ठाकुर, मनीषा सैनी, मनीष मिश्रा, अवधेश पांडे, संजीव त्रिपाठी, सौरभ तिवारी शामिल थे।

मेकअप का चार्ज 50 हजार, नहीं दे रहे पक्का बिल

देहरादून में ब्यूटी पार्लरों के रेट आसमान छू रहे हैं। शहर के पॉश इलाकों में लग्जरी पार्लर तक चल रहे हैं। ब्राइडल मेकअप के देहरादून में 15 हजार से 50 हजार रुपये तक चार्ज किए जाते हैं। शिकायत है कि कई बड़े ब्यूटी पार्लर इसका कोई जीएसटी बिल भी नहीं देते। महिलाओं के बालों की कटिंग की ही बात करें तो न्यूनतम पांच सौ रुपये से इसकी शुरुआत होती है। इसके अलावा फेशियल, थ्रेडिंग, मेनीक्योर, पीडीक्योर, हेयर कलर का रेट भी ऊंचा है। जीएसटी अधिकारियों के अनुसार, बड़े ब्यूटी पार्लर संचालक सालाना करोड़ों का टर्नओवर करते हैं, जबकि जीएसटी बहुत कम भर रहे हैं। ऐसे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।

अफसरों ने की जीएसटी बिल लेने की अपील

जीएसटी अधिकारियों ने पार्लरों में जाने वाले लोगों से जीएसटी बिल अवश्य लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पार्लर संचालक जीएसटी बिल नहीं देकर सरकार को चूना लगा रहे हैं, इसके लिए ग्राहकों को भी सजग होना होगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई पार्लर या सैलून संचालक जीएसटी बिल में भुगतान नहीं करता है तो कर विभाग से शिकायत कर सकते हैं।