उत्तराखंड में समस्त कर्मचारियों के तबादले अब 10 जुलाई तक हो सकेंगे। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद कार्मिक विभाग ने इस निर्णय के संबंध में प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के लिए भेज दिया।
लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के चलते उत्तराखंड के अधिकांश विभाग तबादला ऐक्ट के अनुसार तैयारियों को अंजाम नहीं दे पाए थे। ऐक्ट के अनुसार, कर्मचारियों व शिक्षकों के तबादलों की अंतिम तिथि 10 जून थी पर कई विभाग, इस दौरान सुगम-दुर्गम चिह्निकरण के अलावा तबादलों की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कमेटी भी गठित नहीं कर पाए। ऐसे में तमाम विभागाध्यक्षों ने सरकार से इस वर्ष के लिए तबादलों की अंतिम तिथि बढ़ाने का आग्रह किया था। मुख्य सचिव रतूड़ी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में इसके प्रस्ताव पर चर्चा हुई। विस्तृत मंथन के बाद तबादलों की अंतिम तिथि बढ़ाने पर सहमति बनी। इसके तहत विभागों को तबादला प्रक्रिया पूरी करने के लिए 10 जुलाई तक का वक्त देने का निर्णय लिया गया। विदित है कि प्रदेश सरकार ने इस बार कर्मचारी-शिक्षकों के 15 फीसदी तबादले करने का निर्णय लिया है। दुर्गम से दुर्गम में रहने के इच्छुक, गंभीर बीमार, विधवा और विकलांग समेत कुछ ऐसी श्रेणियां भी हैं जिन्हें 15 फीसदी तबादलों के दायरे में नहीं रखा गया है।
उधर, हरिद्वार और चमोली जिले में विधानसभा उपचुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में इन जिलों के कर्मचारियों के तबादला आदेश तो तय समय में हो जाएंगे, पर वे आचार संहिता खत्म होने के बाद ही ज्वाइनिंग दे पाएंगे।
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