उत्तराखंड में अक्सर डायरेक्ट व प्रोमोटी IAS के बीच सीनियोरिटी व पोस्टिंग को लेकर एक प्रतिस्पर्धा छिड़ी रहती है। ऐसा ही कुछ माह पूर्व का प्रकरण अब जा कर प्रकाश में आया है।
जिसमे 6 डायरेक्ट IAS अधिकारियों ने प्रमोटी IAS ललित मोहन रयाल की सीनियोरिटी पर प्रश्न खड़ा कर DOPT को सीधा पत्र लिख दिया। इन 6 डायरेक्ट IAS की माने तो ललित मोहन रयाल को 2011 की जगह 2013 का बैच अलॉट होना चाहिए था लेकिन ऐसा नही हुआ।
खैर 10 माह पूर्व भेजे गए इस पत्र पर न ही DOPT ने संज्ञान लिया व न ही उत्तराखंड शासन द्वारा, लेकिन पत्र वायरल होते ही अब शासन के गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं होने लग गयी है।
पूर्व में PCS अधिकारियों द्वारा भी लिखा गया था ऐसा ही पत्र –
बता दें कि कुछ माह पूर्व PCS के कुछ अधिकारियों ने अपने सीनियर का IAS पद पर प्रोमोशन रोकने के लिए कुछ इसी प्रकार का पत्र DOPT को लिख दिया था। जब उक्त पत्र पर DOPT ने तत्कालीन मुख्य सचिव से जवाब तलब किया तो मामला राज्य सरकार के संज्ञान में आया। फिर क्या था गहमागहमी के माहौल में उक्त PCS अधिकारियों ने उस पत्र को फर्जी बताकर 2 से 3 जनपदों में जीरो FIR तक दर्ज करा दी थी, लेकिन आज तक यह तस्वीर साफ न हो पाई कि पत्र असल में लिखा गया था या फिर किसी ने षड्यंत्र के तहत कूटरचित किया था।
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