आज शासन में हुए तबादलों के बाद से ही देहरादून में एक चर्चा का विषय बना हुआ है !!
शासन व सियासी गलियारों में चर्चा का विषय यह है कि एक IAS अधिकारी – DM देहरादून, CEO स्मार्ट सिटी व VC MDDA का पद एक साथ कैसे संभाल पाएगा, जबकि यह तीनों कुर्सी ब्यूरोक्रेसी व उत्तराखंड की सियासत के मध्य नजर काफी अहम मानी जाती है।
वंही लोगों का मानना यह भी है कि इस फैसले के बाद से तीनों कार्यालयों में फ़ाइल पेंडेंसी काफी बढ़ जाएगी, जिस कारण कई विकास कार्यों व जनहित के कार्यों में देरी आएगी।
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में भी देखा गया था कि कैसे एक आईएएस अधिकारी को इन तीन अहम विभागों की जिम्मेदारी एक साथ दे दी गई थी, इस कारण उस वक्त कार्यालयों में इतनी पेंडेंसी बढ़ गई थी कि लोग छोटे छोटे कार्यों के लिए भी मुख्यमंत्री के दरबार मे हाजिरी लगाते देखे गए थे।
खैर अब आगामी दिनों में देखना होगा क्या तीनों विभागों का काम, तीनों विभागों की मॉनिटरिंग, तीनों विभागों से जुड़ीं शिकायतें एक साथ सुन पाएंगीं मेम साहब ?
कुछ हो न हो लेकिन अब से स्मार्ट सिटी, MDDA व जिला प्रशासन के कर्मचारी व अधिकारी, सड़कों के हालात या अन्य किसी मामलों में एक दूसरे विभाग पर इल्जाम नही डाल पाएंगे।
वही इस घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार बसंत कुमार मजाकिये अंदाज में लिखते हैं कि –
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