देहरादून में नियमविरुद्ध SP ट्रैफिक का चार्ज, एक टेलीकॉम अधिकारी के पास !!

उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में कब क्या हो जाए यह आंकलन कोई नहीं लगा सकता है। जो पूरे देश में नहीं हो सकता वह उत्तराखंड में हो जाता है। ऐसा ही कुछ हाल पुलिस महकमे में भी हो रहा है।

जनपद देहरादून में SP ट्रैफिक का अतिरिक्त चार्ज कई महीनों से एक टेलीकॉम अधिकारी के पास चल रहा है। जोकि पुलिस एक्ट व MV एक्ट के नियमों के भी खिलाफ है। हैरत की बात यह है कि गृह विभाग ने यह जुर्रत भी नहीं समझी कि प्रधानमंत्री के देहरादून दौरे से पहले व दौरे के बाद सामने आई विभिन्न ट्रैफिक जाम की शिकायतों के बाद भी इस पद पर किसी IPS व PPS अधिकारी को बैठाया जाए। VVIP दौरे के बीच भी देहरादून ट्रैफिक की कमान ऐसे अधिकारी के पास मौजूद थी जिसने अपनी सेवा में आतिथि तक फील्ड पोस्टिंग से हट सिर्फ टेलीकॉम संबंधित कार्य किया है।

MV एक्ट के जानकार यह भी बताते हैं कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान करने, कंपाउंडिंग करने व चालान छोड़ने का अधिकार सिर्फ पुलिस अधिकारी व परिवहन अधिकारी को है। लेकिन यह समझ से परे है कि इन दिनों बिना पुलिस अधिकारी के यह कार्य देहरादून में कौन कर रहा है ?

बता दें कि देहरादून खाली चल रहे SP ट्रैफिक का प्रभार टेलिकॉम अधिकारी को मिलने से PPS असोसिएशन में भी रोष है। PPS असोसिएशन से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि SP ट्रैफिक PPS की कैडर पोस्ट है इसमें PPS या फिर IPS की ही तैनाती होनी चाहिए।

उक्त प्रकरण होने के बाद से पुलिस महकमे के भीतर यह चर्चा अब आम हो गयी है कि वह दिन अब दूर नहीं जब होमगार्ड सेवा, फायर सेवा व टेलीकॉम सेवा का अधिकारी भी उत्तराखंड में किसी जनपद का कप्तान बन जाए। व इसमे भी कोई आश्चर्य की बात नहीं कि इंटेलिजेंस व रिजर्व पुलिस के निरीक्षक व उपनिरीक्षक को भी नागरिक पुलिस की कोतवाली व चौकी मिलने लगे।