उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में सरकार को जहां पाई पाई रुपये के लिए केंद्र सरकार की तरफ देखना पड़ता है, वंही इसी उत्तराखंड राज्य की सरकार की जेब पर एक बड़ा बोझ पड़ने वाला है। दोनों राजकीय विमान काफी पुराने होने के कारण दोनों कंडम की कगार पर है। जिस कारण अब राज्य सरकार न चाहते हुए भी जल्द से नए विमान खरीदने का मन बना रही है।
उत्तराखंड राज्य सरकार के पास दो हवाई विमान मौजूद है, एक 9 सीटर चार्टर प्लेन जो 18 वर्ष पूर्व खरीदा गया था तो एक डबल इंजन हेलीकॉप्टर जो 20 वर्ष से अपनी सेवाएं दे रहा है। पुराने होने के कारण दोनों विमान में अब तकनीकी खामियां निरन्तर आने लगी हैं। कभी हेलीकॉप्टर का AC खराब हो जाता है तो कभी चार्टर का ब्रेक, लेकिन दिक्कत तब आती है जब इतने पुराने मॉडल के पार्ट्स बाजार में नही मिलते हैं। जिस कारण महीनों महीनों तक यह दोनों विमान खड़े रहते हैं।
पिछले 2 वर्षों की बात करें तो अधिकतर समय यह दोनों विमान मेन्टेन्स के कारण ही खड़े रहें, जिस कारण राज्य सरकार को दोहरा भार उठाकर राज्यपाल व मुख्यमंत्री के लिये लीज पर दिल्ली से डबल इंजन हेलीकॉप्टर मंगवाने पड़े। हेलीकॉप्टर में बार बार खराबी आने के कारण कुछ माह पूर्व UCADA ने अपने इंजीनियर तक को ससपेंड कर दिया था, जिस पर जांच गतिमान है। UCADA के अधिकारी बताते हैं कि दोनों के मरमत में ही सालाना लाखों की चपत राज्य सरकार को लग जाती है।
जल्द चार्टर पर होना है अंतिम फैसला
UCADA के प्रस्ताव पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी की बैठक कुछ दिन पूर्व हो चुकी है। जिसके बाद अब 3 बिंदुओं पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री ने लेना है। विभागीय जानकार बतातें हैं कि मुख्यमंत्री के अध्यक्षता में अगली बैठक में यह निर्णय होगा कि चार्टर खरीदना औचित्यपूर्ण है या नहीं, अगर खरीदा जाएगा तो कौनसे मॉडल का व कितनी धनराशि तक का खरीदा जाएगा, अगर नहीं खरीदा जाएगा तो आवश्यकता अनुसार कौनसी कंपनी या मॉडल का प्लेन लीज पर मंगवाया जाएगा। अगर नया हेलीकॉप्टर खरीद भी लिया गया तो पुराने का क्या होगा व किस प्रकार इस्तेमाल किया जाएगा। फिलहाल इन सभी बिन्दुओ पर राज्य सरकार ने अंतिम निर्णय लेना है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस वक्त बाजार में नए 9 सीटर डबल इंजन चार्टर की कीमत 75 करोड़ से शुरु होते हुए 200 करोड़ रुपये तक की है।
100 करोड़ का हेलिकॉप्टर खरीदने की भी थी तैयारी
राज्य सरकार ने पुराने उड़न खटोले से पीछा छुड़ाने के लिए नए 7 सीटर डबल इंजन हेलीकॉप्टर खरीदने हेतु टेंडर प्रक्रिया भी पूर्व में शुरू कर दी थी। जिस क्रम में 3 बार टेंडर करवाये गए व एयरबस कंपनी ने एकल कंपनी होने के नाते टेंडर पर कब्जा कर लिया। लेकिन जब 100 करोड़ रुपये का नवीन हेलीकॉप्टर खरीदने का प्रस्ताव कैबिनट पंहुचा तो इतनी बड़ी कीमत होने के कारण फरवरी 2024 में हेलीकॉप्टर खरीद के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने स्थगित कर दिया। आतिथि तक हेलीकॉप्टर खरीद का प्रस्ताव बजट न होने के कारण फाइलों में दबा हुआ है।
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