उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के चिटेहरा गांव में हुए अरबों रुपये के कथित भूमि घोटाला मामले में जिला प्रशासन की तरफ से रविवार को दूसरी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस मामले में शनिवार को एक मुकदमा दर्ज हुआ था।
इस घोटाले में तत्कालीन समय में तैनात रहे तीन उप-जिलाधिकारियों की भूमिका भी कथित रूप से संदिग्ध पाई गई है। अपर पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) विशाल पांडे ने बताया कि राजस्व निरीक्षक पंकज निरवाल ने थाना दादरी में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि ग्राम चिटेहरा की भूमि प्रबंध समिति ने 282 व्यक्तियों को कृषि भूमि के आवंटन का प्रस्ताव 3 जुलाई 1997 को पास किया था।
इस घोटाले में तत्कालीन समय में तैनात रहे तीन उप-जिलाधिकारियों की भूमिका भी कथित रूप से संदिग्ध पाई गई है।
आपको बता दें कि जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है उनमें से उत्तराखंड में तैनात 3 ब्यूरोक्रेट्स के परिवार जन है !! मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद उत्तराखंड ब्यूरोक्रेसी में हलचल तेज !!
घोटाले में दादरी तहसील के अधिकारियों की मिलीभगत जिन्हें तत्कालीन उप-जिलाधिकारी ने 20 अगस्त 1997 को स्वीकृति प्रदान की थी। इन पट्टों को लेकर कई शिकायतें मिलीं। निरवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि दादरी तहसील के अधिकारियों के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में यशपाल तोमर, नरेंद्र कुमार, कर्मवीर, बैलू, कृष्णपाल, एम भास्करन, केएम संत, गिरीश वर्मा, श्रीमती सरस्वती देवी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
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