उत्तराखंड में पुलिस द्वारा किये गये फर्जी बीएएमएस डॉक्टर खुलासे मामले में चिकित्सा परिषद के बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोपी विवेक रावत के अधिवक्ता ने प्रेस कान्फ्रेंस कर चिकित्सा परिषद के पूर्व चेयरमैन और वर्तमान पदाधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा, कि इस फर्जीवाड़े को बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया है। जबकि पुलिस ने बड़े अधिकारियों को बचाते हुए परिषद के तीन छोटे कर्मचारियों की गिरफ्तारी की है।
आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि पिछले दस सालों से फर्जी डिग्रियों के रजिस्ट्रेशन का पूरा खेल चल रहा था। यहां तक की परिषद के पूर्व चेयरमैन की डिग्री को भी उन्होंने फर्जी बताया है। उधर पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए हैं। बताते चलें की कोर्ट में इन बातों को रखने के बाद न्यायालय ने मामले के जांच अधिकारी को जांच रिपोर्ट के साथ तलब किया है।
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