जनपद देहरादून में आज अमीनों के बम्पर तबादला आदेश जारी हुए हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि उक्त आदेश में तारीख 10 जून की तारीख का जिक्र है जिस दिन तबादला सत्र का अंतिम दिन था।
तहसील से लेकर कचहरी तक 8 दिन बाद सभी को आदेश आज ही व्हाट्सएप पर प्राप्त हुआ है। प्रतिलिपि में उल्लेखित अधिकारियों को भी आज ही आदेश प्राप्त हुआ है वो भी व्हाट्सएप के माध्यम से। अब सवाल यह खड़ा होता है कि 8 दिन से यह आदेश कहाँ गायब या दबा पड़ा था।
आशंका यह भी लगाई जा रही है कि कहीं यह आदेश बैक डेटेड तो नहीं ?, अगर नहीं है तो आदेश डिस्पैच करने वाले पर सख्त कार्यवाई निश्चित होनी चाहिए। जिसके कारण 8 दिन पूर्व तत्काल अमल में आने वाला आदेश को बाहर आने में इतना समय लग गया वो भी तब, जब देहरादून में राष्ट्रपति का VIP दौरा प्रस्तावित है और कुछ अमीनों को VIP ड्यूटी के कारण अटैच करने का जिक्र भी उसी आदेश में हो।
वंही इस सूची में एक नाम ऐसा भी है जिसे 3 वर्ष की परिधि में आये बिना ही देहरादून सदर ले आया गया है। आपको बता दें कि विकासनगर तहसील में तैनात अमीन केशव पांडेय को 3 वर्ष से पहले ही सदर तहसील स्थानांतरित किया गया है। जबकि केशव पांडेय को 13 जून 2023 को ही विकासनगर तहसील भेजा गया था। जबकि तबादला आदेश में साफ उल्लेखित है कि रूटीन ट्रांसफर उन्ही अमीनों का किया गया है जिन्हें 3 वर्ष या फिर उससे ज्यादा का समय वर्तमान नियुक्ति पर हो गया है।
न जाने कौन अधिकारी इस तरह की सलाह देकर इन दिनों ऐसे कृत करवाकर देहरादून कचहरी को मजाक का केंद्र बनाने में लगा हुआ है। कहीं यह जनपद के कमांडर के प्रति कोई षड्यन्त्र तो नहीं ??



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