विधानसभा की बैक डोर भर्तियां रद्द होने के बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की कुर्सी पर भी संकट गहरा गया है। भाजपा हाईकमान जनता को संदेश देने के लिए बड़ा कदम भी उठा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के 228 नियुक्तियों को रद्द करने के निर्णय के बाद अब सबकी नजरें सरकार पर टिक गई हैं।
विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए प्रेमचंद के कार्यकाल में हुई 78 पदों पर भर्तियां, इनमें भाजपा नेताओं, संघ के पदाधिकारियों के साथ कई करीबियों को यह नौकरियां बांटने का आरोप है। राज्य में ही नहीं देशभर में भी सुनाई दी इसकी गूंज।
खासकर इसलिए, क्योंकि चौथी विधानसभा में अध्यक्ष की भूमिका निभाने वाले प्रेम चंद अग्रवाल वर्तमान में पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट में मंत्री हैं।
इस प्रकरण के राजनीतिक रंग लेने के बाद कुंजवाल और अग्रवाल, दोनों कठघरे में आ गए। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व तक भी बात पहुंची और अग्रवाल को हाईकमान के समक्ष अपना पक्ष रखने दिल्ली जाना पड़ा।
इसके बाद मुख्यमंत्री धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से भेंट की। तब यह भी चर्चा चली कि प्रेम चंद अग्रवाल के खिलाफ पार्टी सख्त कदम उठा सकती है। यहां तक कि उनकी मंत्रिमंडल से विदाई को लेकर भी राजनीतिक माहौल गर्म रहा।
बता दें कि भाजपा हाईकमान शुरू से ही भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और परिवार वाद पर चोट करता आ रहा है। और भाजपा की सरकार के रहते ही विधानसभा में बैकडोर से चहेतों को भर्तियां बांट दी गईं।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद इन दिनों जर्मनी के सरकारी टूर पर हैं। 25 सितंबर को उनकी वतन वापसी है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी अगले कुछ दिनों के भीतर कोई बड़ा एक्शन भी ले सकती है। शुक्रवार को भी भाजपा प्रदेश मुख्यालय में भी लेकर कई तरह की चर्चाएं रहीं।
वंही हाल ही में भाजपा के नेताओं की लगातार दिल्ली दौरे के बाद से चर्चा आम है कि पार्टी मंत्रिमंडल से कुछ चेहरों को हटा सकती है। साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार और कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किए जाने के कयास भी जोरों पर हैं।
सूत्रों के अनुसार ऐसे में मुख्यमंत्री के दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के अगले ही दिन प्रदेश प्रभारी व कुछ विधायकों की मुख्यमंत्री से मुलाकात को खासा अहम माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक के दौरान राज्य में संभावित फेरबदल को लेकर चर्चा हुई है। हालांकि भाजपा के नेता इससे इंकार कर रहे हैं।

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