IAS मनीषा के VRS के बाद शासन में कुछ ऐसा पड़ेगा असर, अगले मुख्य सचिव CS की तस्वीर भी हुई साफ, लेकिन कहीं …..

लम्बी बीमारी से ग्रसित मनीषा पंवार ने हाल ही में अपनी आल इंडिया सर्विसेज से इस्तीफा देकर VRS लेने के लिए उत्तराखंड सरकार को आवेदन किया, जिसको कुछ दिन पूर्व कार्मिक विभाग ने मंजूर कर आदेश जारी कर किया था।

बता दें 1990 बैच की मनीषा पंवार उत्तराखंड शासन में मुख्य सचिव एस एस संधू व ACS राधा रतूड़ी के बाद तीसरे नम्बर की वरिष्ठतम अधिकारी थी। उनके जाने के बाद अब ACS आनंद वर्धन अब तीसरे पायदान पर आ गए हैं।

मौजूदा मुख्य सचिव एस एस संधू को 6 माह का सेवा विस्तार मिला है जो कि 31 जनवरी 2024 को खत्म होने जा रहा है। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव व अचार संहिता के मध्यनजर CS संधू को 6 माह का सेवा विस्तार और मिलने जा रहा है।

दूसरे नंबर की वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी की सेवा भी मार्च 2024 में खत्म होने जा रही है। अगर मौजूदा CS संधू को एक और सेवा विस्तार का तौफा मिलता है तो राधा रतूड़ी के लिए मुख्य सचिव बनने की राह हमेशा के लिए बंद हो जाएगा, व उन्हें ACS के पद से ही रिटायर होना पड़ेगा।

वंही ऐसी स्तिथि में CS संधू के बाद ACS आनंद वर्धन के सर ताज सजना तय है क्योंकि वर्धन के इलावा प्रदेश के पास कोई भी ACS रैंक का अधिकारी मौजूद नही है।

अगर मौजूदा मुख्य सचिव संधू को केंद्र सरकार सेवा विस्तार नही देती है तो उस स्तिथि में मुख्यमंत्री दोनों ACS राधा रतूड़ी व आनंद वर्धन में से एक को CS बना सकते हैं लेकिन तभ भी रतूड़ी की 2 माह की बची सेवा के कारण ही उस वक्त उनका CS बनना मुश्किल माना जा रहा है।

आनंद वर्धन के राह में आ सकते हैं यह पत्थर –

1992 बैच के IAS अधिकारी ACS आनंद वर्धन को फिलहाल मुख्य सचिव बनने में कोई भी दिक्कत नही आएगी लेकिन इनके पूर्व विभाग के एक प्रकरण में कुंडली मार कर बैठी CBI कहीं उनके लिए परेशानी न बन जाए। बता दें की वर्धन के पूर्व विभाग यानी वन विभाग के ढिकाला प्रकरण में आज कल CBI की जांच चल रही है। जिस याचिका पर नैनीताल हाइकोर्ट ने यह CBI के आदेश दिए हैं उस याचिकाकर्ता व उनके अधिवक्ता अभिजय नेगी की माने तो उनके अनुसार ढिकाला में अवैध पेड़ कटान व अवैध निर्माण मामले में तत्कालीन ACS वन आनंद वर्धन की भी भूमिका है।

फिलहाल जांच एजेंसियां को दूर दूर तक आनंद वर्धन के खिलाफ कोई भी सबूत या किसी प्रकार की अनिमितताओं नही मिली है, लेकिन CBI को कब क्या दस्तावेज व सबूत मिल जाएं यह भविष्य की गर्त में है।