जिलाधिकारी सविन बंसल के चार अक्टूबर को ऋषिकेश में औचक निरीक्षण पर बड़ी कार्रवाई हुई है। डीएम ने सरकारी अस्पताल के सीएमएस सहित आठ चिकित्सकों और तीन कर्मचारियों के ड्यूटी से गायब रहने पर वेतन काटने के आदेश जारी किए हैं।
सोमवार को डीएम सविन बसंल की ओर से कार्रवाई का आदेश जारी किया गया। उन्होंने चार अक्टूबर को ऋषिकेश में सरकारी अस्पताल और एआरटीओ कार्यालय में औचक निरीक्षण किया था। सीएमएस डॉ. प्रदीप कुमार चंदोला का दो दिन, चिकित्साधिकारी डॉ. अंकित आनंद, डॉ. शिवानी ध्यानी, डॉ. साक्षी बंगवाल, डॉ. आकांक्षा, दंत सर्जन डॉ. ललित जैन का चार-चार दिन तक गायब रहने पर उक्त अवधि का वेतन काटने के आदेश दिए है। चिकित्साधिकारी डॉ. रितिका गुप्ता एक और वरिष्ठ दंत सर्जन डॉ. नीना सैनी तीन दिन गायब मिलीं। इनका भी वेतन काट दिया गया है। अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ, आउटसोर्स कर्मी और डाटा इंट्री ऑपरेटर का भी एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश डीएम ने दिया है।
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एआरटीओ में तैनात वरिष्ठ सहायक कमल प्रसाद गौड़ को निलंबित करते हुए उन्होंने डोईवाला एसडीएम कार्यालय में अटैच कर दिया है। उन्होंने कमल प्रसाद मामले की जांच को अनुशासनात्मक कार्रवाई से पहले जांच के लिए डीआरडीए की सहायक परियोजना निदेशक अर्पणा बहुगुणा को जांच अधिकारी बनाया है। उनसे 15 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने का अल्टीमेटम दिया है।
वंही एआरटीओ ऋषिकेश में डीएम को निरीक्षण में तमाम गड़बड़ियां मिलीं थी। यहां तैनात कर्मचारी भी बिना काम करते हुए कार्यालय में मिले थे, जबकि लोग यहां अपने कार्य के लिए भटक रहे थे। एडीएम जय भारत सिंह ने एआरटीओ से तीन दिन में स्पष्टीकरण तलब किया है।
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