PWD विभाग में आज-कल खूब उठापटक मची हुई है। एक प्रकरण विभाग के लिए गले की फांस बना हुआ है। टेंडर की जंग में 2 प्रतिद्वंद्वियों ने मानो विभाग के 3 अभियंताओं की भेंट चढ़ा दी है।
प्रकरण तब शुरू होता है जब हिन्द प्रताप नामक एक कॉन्ट्रेक्टर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं व कुछ टेंडरों पर अनियमितता व मिली भगत का आरोप लगाते हैं। जिस क्रम में हाईकोर्ट ने विभागीय सचिव को उक्त प्रकरण पर कार्यवाई करने के निर्देश दिए।
बता दें कि शासन के आदेश पर अपर सचिव PWD विनीत कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया। जिनके रिपोर्ट के आधार पर 3 अभियंताओं पर आरोप पुख्ता तौर पर सिद्ध हुए हैं।
जांच रिपोर्ट के अनुसार चीफ इंजीनियर पी.एस बृजवाल (तत्कालीन SE, 9 सर्किल देहरादून), सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर SE अनिल पांगती व एक्सिक्यूटिव इंजीनियर EE करण कंडवाल पर टेंडरों में अनियमितता प्रकरण में दोषी पाया गया है। शासन ने इन सभी 3 अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जानकारी के अनुसार उक्त टेंडर इमरान अली नामक एक कॉन्ट्रैक्टर को गलत दस्तावेजों के आधार पर दे दिए गए थे। वंही उक्त कॉन्ट्रेक्टर ने टेंडर पाने के लिए फर्जी टर्न ओवर रिपोर्ट भी लगा दी थी।
शासकीय सूत्रों की माने तो हाइकोर्ट के दिशा निर्देश के बाद अब इस प्रकरण में शासन ने तीनों अभियंताओं को चार्जशीट देने का मन बना लिया है। साथ ही फर्जी टर्न ओवर रिपोर्ट बनाने वाले चार्टेड अकॉउंटेड पर भी कार्यवाई करने व लाइसेंस निरस्त करने हेतु शासन ने एक पत्र ICAI (इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टेड अककॉउंटेड ऑफ इंडिया) को लिखा है।
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